दीपक कौरव, नरसिंहपुर। मध्य प्रदेश की संस्कारधानी जबलपुर से राजधानी भोपाल को जोड़ने वाले नेशनल हाईवे-45 पर एक अनोखी सड़क बनकर तैयार हो गई है, जो न सिर्फ सुंदर दिखती है बल्कि सुरक्षा का भी प्रतीक बन चुकी है। इस सड़क को लोग प्यार से ‘रेड कारपेट’ कहने लगे हैं। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने यहां देश में पहली बार ‘टेबल टॉप रेड मार्किंग’ तकनीक का इस्तेमाल किया है।
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यह विशेष सड़क वीरांगना रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व (पूर्व में नौरादेही वन्यजीव अभयारण्य) के पास से गुजरती है। इस इलाके में बाघ, तेंदुआ, हिरण, सांभर जैसे वन्य प्राणी अक्सर सड़क पार करते हैं, जिससे हादसों का खतरा हमेशा बना रहता था। पहले यह हिस्सा ‘ब्लैक स्पॉट’ माना जाता था, जहां कई दुर्घटनाएं हुईं। अब NHAI ने 11.9 किलोमीटर के इस प्रोजेक्ट में करीब 2 किलोमीटर के हिस्से पर 5 मिलीमीटर मोटी उभरी हुई लाल रंग की मार्किंग की है। यह ‘टेबल टॉप’ तकनीक वाहन गुजरते समय हल्का कंपन या झटका पैदा करती है, जिससे ड्राइवर की स्पीड खुद-ब-खुद कम हो जाती है। नतीजा? वन्यजीव सुरक्षित और ड्राइवर अलर्ट!
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इतना ही नहीं, सुरक्षा को और मजबूत बनाने के लिए सड़क के दोनों किनारों पर सफेद शोल्डर लाइनें भी बनाई गई हैं, जो वाहनों को किनारे पर जाने से रोकती हैं। साथ ही, वन्यजीवों की सुरक्षित आवाजाही के लिए 25 अंडरपास भी बनाए गए हैं। यह पूरा प्रोजेक्ट 122 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा है और 2025 में पूरा हो जाएगा। यात्रियों का कहना है कि यह सड़क न सिर्फ सुरक्षित है बल्कि लाल रंग की वजह से बेहद खूबसूरत भी लगती है – मानो रेड कारपेट बिछा हो!
बता दें कि मध्य प्रदेश में पिछले दो सालों में 237 वन्यजीव-सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 94 जानें गईं। इस नई तकनीक से ऐसे हादसों में कमी आने की उम्मीद है। यह देश में वन्यजीव संरक्षण और सड़क विकास का एक बेहतरीन उदाहरण है।
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