मंदसौर. देश भर में स्वच्छता का कार्य एक मिशन की तरह चल रहा है. स्वच्छता कार्यक्रम के प्रोत्साहन के लिए नेता, अभिनेता के अलावा समाजिक सरोकार से जुड़े लोगों ने हाथ में झाड़ू थाम कर स्वच्छता का संदेश दिया. वहीं मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में एक ऐसा गांव है जहां सैकड़ो वर्षों से गांव के ग्रामीण सामूहिक रुप से गांव को  स्वच्छ करते हैं. दशहरे के दिन इस गांव के लोग इकट्टठा होकर गांव के चप्पे-चप्पे को स्वच्छ करते है. गौरतलब है कि जिले के धमनार गांव में यह परंपरा सैकड़ो वर्षों से चली आ रही है. दशहरे के दिन सुबह से ही गांव के साथ हर घर में सफाई होती है. सभी गांव वालों के घर के बाहर शाम को रंगोली बनती है. इसके बाद ग्राम पंचायत द्वारा गठित टीम इन घरों का निरीक्षण कर एक घर मालिक को स्वच्छता पुरस्कार भी देते हैं.

स्वच्छता कार्यक्रम के बाद पूरा गांव मनाता है त्योहार

मंदसौर के धमनार गांव के निवासी पूरे दिन स्वच्छता कार्यक्रम करने के बाद संपूर्ण ग्रामीण साथ में मिलकर दशहरे के त्योहार को मनाते हैं. यहां तक की साफ-सफाई के कार्य में बच्चों से लेकर बूढे तक बराबर का सहयोंग देते हैं. गांव में युवाओं के द्वारा बनाया गया दशहरा उत्सव समिति को पूर्ण सहयोग देते हैं. गांव में शाम को प्रतिमा के समक्ष राम व रावण की सेना में प्रतीकात्मक युद्ध होता है. गांव के लोग दो सेना में बंट जाते हैं. राम की सेना रावण पर चढ़ाई की कोशिश करती है और रावण की सेना उन्हें रोकती है. दोनों तरफ से शब्द बाणों के साथ-साथ ही जलते हुए टोपले भी एक दूसरे पर फेंके जाते हैं.

रावण के नाक में मुक्का मार कर करते है वध

दशहरे के दिन राम-रावण युद्ध अद्भुत तरीके से देखने को मिलता है. राम-रावम के इस जद्दोजहद में राम की सेना में शामिल किसी भी व्यक्ति के द्वारा रावण प्रतिमा पर चढ़कर नाक पर मुक्का मारते ही युद्ध समाप्त हो जाता है. इसके साथ ही रावण का वध माना जाता है. गांव के सरपंच केसरबाई ने बताया सभी ग्रामीण आपस में भाई-चारे के साथ त्योहार मनाते है. साथ ही गांव में दशहरे के दिन अद्भुत तरीके से मनाये जाने वाले त्योहार को दूर-दराज के लोग देखने भी आते हैं.