रिपोर्ट- कंचन ज्वाला ‘कुंदन’ दुर्ग। जिले के मोहलई गांव को अपने किये उत्कृष्ट कार्य के लिए राष्ट्रीय पुरष्कार मिल चूका है.मोहलई गांव रात में उजाले से दमकता रहता है, क्योंकि गाँव की हर गली में स्ट्रीट लाईटें लगी है. गाँव में हर तरफ सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. किसी नगर पालिका की तरह रोज सुबह कचरा इकठ्ठा करने के लिए ट्रैक्टर घुमती है. वाटर एटीएम लगे हैं..सौर पैनल लगे हैं.

आपको यह तस्वीर किसी शहर का लग रहा होगा. मगर यह नजारा दुर्ग के एक गाँव मोहलई का है. कहने को तो यह एक गाँव है मगर सुविधाओं में किसी शहर से कम नहीं है. मात्र 12 वीं पास सरपंच भरत निषाद ने इस गाँव की पुरानी घिसी-पिटी तस्वीर ही बदल दी. गांव में दो स्कूल है, दोनों स्कूल में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं. बच्चों के खेलने के लिए सरपंच ने स्कूल के भीतर ही मनी स्टेडियम बनवा दिया है…मध्यान्ह भोजन की कैमरे से सतत निगरानी होती है. पढ़ाई- लिखाई की  भी ऑनलाइन मोनिटरिंग होती है. स्कूल के सभी दीवारों में बच्चों के लिए प्रेरणादायी विचार लिखे हुए हैं.  स्कूल परिसर में पेड़- पौधे भी रोपे गए हैं.

अकेले इस गाँव में 27 स्व सहायता समूह है और २५ किसान कर रहे बड़े पैमाने पर गुलाब की खेती

मोहलई गाँव में 27 स्व सहायता समूह है. हर समूह किसी न किसी शासकीय योजना के तहत ग्राम विकास के लिए समर्पित और संकल्पित हैं. मोहन साहू ने बताया कि गाँव में एक भी व्यक्ति निठल्ला और खाली नहीं है. हर व्यक्ति सरकार की विभिन्न गतिविधियों में लगा है. सरकारी योजना का लाभ उठाकर.कोई बड़े पैमाने पर  मछली पालन कर रहे हैं तो कोई बड़े स्तर पर  सब्जी की खेती कर रहे हैं.  वहीँ दूसरी ओर ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी मुकेश वासनिक बताते हैं कि इस गांव की जागरूकता का इसी बात से अंदाज लगाया जा सकता है कि लगभग 25 किसान बड़े स्तर पर सिर्फ गुलाब की खेती कर रहे हैं. मोहलई गांव के सरपंच भरत निषाद कहते हैं कि मैं इस गाँव के चंहुमुखी विकास के लिए संकल्पित और समर्पित हूँ…मैं इस गाँव का सरपंच होने के साथ ही इस गांव का एक किसान भी हूँ. मैंने स्वयं लोगों की जागरूकता के पारंपरिक धान की खेती को छोड़कर आज बड़े पैमाने पर गुलाब की खेती कर रहा हूँ. गुलाब की खेती वाकई बहुत फायदेमंद साबित हुआ है.

विकास की रफ़्तार लिख रही नई इबारत

दुर्ग जिला के सांसद आदर्श गांव मोहलई ने सभी पंचायतों के सामने एक मिसाल पेश की है. दर्जनों स्ट्रीट लाइट और सीसीटीवी कैमरे लगवाने के बाद  साफ़-सफाई की समुचित व्यवस्था और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता अभियान को सफल बनाने में सहयोग करते हुए कूड़ेदान का इंतजाम कराया है। कूड़ेदान भरने के बाद उन्हें ट्रैक्टर-ट्राली में भरकर डम्पिंग स्टेशन में डाला जाता है.

पंचायत की इस सोच से न केवल ग्रामीण खुश हैं, बल्कि आसपास गांव के लोगों के लिए भी यह पंचायत मिसाल पेश कर रही है. गांव में सीसीटीवी कैमरे लगवाने में महज तीन -चार लाख रुपये की राशि खर्च हुई है.  इससे पहले सीसीटीवी और स्ट्रीट लाइट से चोरी – छीना झपटी जैसी वारदातों से लेकर खुले में शराब पीने वालों पर भी लगाम लगी है. अभी तो सरपंच भरत निषाद के तीन  साल का कार्यकाल बाकी है, अगर विकास की रफ़्तार यही रही तो इस पंचायत का कोई सानी नहीं रहेगा. कुल मिलाकर मोहलई पंचायत विकास की नई इबारत लिख रही है.

गांव में एक गड्ढा भी हो जाए तो करते हैं व्हाट्सएप 

मोहलई गांव के उत्तरोत्तर विकास से ग्रामीण काफी खुश हैं. गांव के ग्रामीण रमन सरकार और सरपंच भरत निषाद के बारे में तारीफ करते नहीं थकते हैं. ग्रामीण कहते हैं कि हर गाँव को भरत जी जैसा सरपंच मिले तो देश का कायाकल्प हो जायेगा. ग्रामीण बताते हैं कि भरत निषाद के सरपंच बनने के बाद गाँव पूरी तरह बदल चूका है. पुरे गांव ने ऐसी बदलाव के बारे में सोचा भी नहीं था. सरपंच भरत निषाद बताते हैं कि वाकई हमारा गांव अब किसी शहर से कम नहीं है. हमने आदर्श गांव नाम से एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया है, जिसमे गांव के अधिकांश लोग जुड़े हैं..गाँव में कहीं एक गड्ढा भी हो जाये तो मुझे व्हाट्सएप के माध्यम से सूचित करते हैं. फिर इस तरह गांव के हर समस्या का निदान किया जाता है..आज गाँव में बहुत से विकास कार्य हो चुके हैं..गाँव में लोगों की पैसे सम्बन्धी लेनदेन के लिए कारपोरेशन बैंक है. लगातार वृक्षारोपण के कारण गांव में हरियाली है. गाँव में  शिवनाथ नदी के किनारे ऐतिहासिक छातागढ़ मंदिर है. इसे पर्यटन के रूप में विकसित किया जा रहा है.
हमारा मानना है कि हर गांव को एक मिसाल पेश करने की जरुरत है. मोहलई गाँव आपके लिए उदाहरण का एक सशक्त हस्ताक्षर है. मोहलई गांव से अन्य ग्रामपंचायतों को प्रेरणा लेने की महती जरुरत है. मोहलई गांव बदलने की जिद कर सकता है तो हम भी अपने गांव को बदलने की जिद क्यों नहीं कर सकते. मोहलई गांव की अधोसंरचना, वहां की आबोहवा, वहां की शहर जैसी सर्व सुविधाएँ जैसे कह रहा हो-

इरादा हो बुलंद बदलाव कि तो चमक सकता है गांव भी 

शहर की तरह दुधिया रौशनी से दमक सकता है गांव भी