रमेश सिन्हा,पिथौरा. देशभर में लगातार बढ़ रहे अत्याचार के बाद अब प्रदेश के महासमुंद जिले से ऐसी खबर आ रही है जो हैरान कर देगी. यहां एक गांव के रसूखदारों ने लोगों के भाग्य का फैसला खुद ही कर लिया है. मामला जिले के पिथौरा ब्लाक के  लक्ष्मीपुर गांव  का है जहां एक परिवार को समाज से बहिष्कृत कर दिया गया है. वो भी इसलिए क्योंकि परिवार दलित है.

रसूखदारों ने अपना रंग तब दिखाना शुरु किया जब उस परिवार में शादी थी. परिवार में बेटे की शादी थी. जिसे लेकर मुखिया राजकुमार ने कार्ड भी छपवाया और ग्रामीणों को आमंत्रित किया. इस बात से दबंगों को आपत्ति हो गई और उन्होंने रातों रात बैठक कर निर्णय कर लिया की गांव का कोई भी व्यक्ति शादी में शामिल नहीं होगा. यहां तक की दलित परिवार से कोई बात भी नहीं करेगा. दबंग यहीं नहीं रुके शादी वाले दिन तो रसूखदारों ने दलित परिवार के मंदिर जाने पर भी रोक लगा दिया और दलित परिवार का हुक्का पानी बंद कर दिया.

4 लोगों को भी किया समाज से बहिष्कृत

लेकिन गांव के ही 4 लोगों ने रसूखदारों की बात से किनारा कर लिया और शादी समारोह में शामिल हो गए. परिणाम यह हुआ की दबंगों ने उन 4 लोगों के खिलाफ भी तुगलकी फरमान जारी कर उन्हें भी हुक्का पानी बंद कर दिया. बहिष्कृत होने वाले का नाम जितेन्द्र सोनी,भगवान सिंह ठाकुर,चैतराम और पर्वत है. जानकारी के अनुसार भगवान सिंह आदिवासी परिवार का मजदूर है. घटना के बाद अब ना तो कोई भगवान सिंह से मजदूरी कराता है ना ही उससे से कोई बात करता है और तो और भगवान के परिवार को अब धमकियां भी मिलने लगी हैं.

आत्महत्या कर लेंगे..

घटना से आहात राजकुमार के परिवार समेत इन 4 लोगों के परिवारों ने भी इसकी शिकायत थाने में की है. साथ ही तहसीलदार,एसडीएम,कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौपा है. पीड़ित परिवारों ने साफ किया है की अगर दबंगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो वे आत्महत्या कर लेंगे.

 

 

इस पूरी घटना के बाद रसूखदारों का नाम भी सामने आ गया है. हैरानी की बात तो यह की मामले की पूरी जानकारी सरपंच को है. लेकिन फिर भी सरपंच दबंगों के इशारे में नाच रहा है. परिवारों के अनुसार धनपति दास,राजकुमार सोनी,पंचराम भोई,गोरेलाल बारीक,शिवचरण निषाद, सेत कुमार पटेल ही वो रसूखदार है जो समाज जाती धर्म के नाम पर बांटने का काम कर रहे हैं और उन्हें प्रताड़ित कर रहे हैं.

 

गौरतलब है कि इस तरह की घटनाए ना सिर्फ प्रदेश से बल्की देश के अलग-अलग राज्यों से आ रही हैं. इन सभी घटनाओं में एक बात समान है कि इस तरह के कृत्य करने वाला कोई और नहीं बल्की हमारे ही बीच का कोई होता है और समाज को जाती और धर्म के नाम पर बांटने का काम करता है. ऐसे में सवाल यह उठता है कि इनके खिलाफ सरकार क्यों सख्त नहीं होती.