दिलशाद अहमद, सूरजपुर. पिछले दस साल से बेड पर लेटकर दर्द से अपना जीवन गुजारने को मजबूर एक महिला को सूरजपुर के डॉक्टर राकेश बिक्कासैनी और उनकी टीम ने नया जीवन दिया है. महिला ने कभी सोचा भी नहीं था कि वह अब अपने पैरों से चल सकेगी. जिसका दर्द देख हर किसी का दिल पसीज जाए, पैरों के दर्द से इस कदर परेशान हो गई थी कि एक बिस्तर में ही उनका सारा जीवन सिमटकर रह गया था. अब वह अपने पैरों पर खड़ा हो पा रही हैं.

महिला कई जगह इलाज कराकर परेशान हो चुकी थी पर वहीं उसके जीवन में रोशनी बनकर सूरजपुर के डॉक्टर राकेश बिक्कासैनी आया. उन्होंने उस महिला के दर्द को अपना दर्द समझा और उसकी जांच की तो पता चला कि महिला गठिया बाध से पीड़ित है और इसकी गठिया इस कदर बढ़ चुकी थी कि महिला के घुटने पुरी तरह से खराब हो चुका था. फिर इस महिला की स्थिति की गंभीरता को देखते हुए डॉक्टर राकेश बिक्कासैनी ने इलाज शुरू किया.

पीड़ित महिला जिसने जिने की उम्मीद छोड़ एक बिस्तर पर ही अपना जीवन गुजारने की सोच रखी थी, उसके जीवन में डाॅक्टर राकेश बिक्कासैनी ने नया उजाला दिया, जिन्होंने कई घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद अपनी टीम के साथ उस पीड़ित महिला के घुटनों का सफल आपरेशन कर उसके घुटनों का प्रत्यर्पण किया. आज महिला खुद अपने पैरों पर खड़ा हुई. डाॅक्टर राकेश ने कहा कि मैंने अपना फर्ज निभाया है.