सत्या राजपूत, रायपुर. एक असाधारण चिकित्सा कौशल और टीमवर्क का परिचय देते हुए एमएमआई नारायणा अस्पताल रायपुर के सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. सुनील गौनियाल एवं उनकी टीम ने 48 वर्षीय महिला की जान बचाई, जो हार्ट अटैक के बाद अचानक कार्डियक अरेस्ट की शिकार हो गई थी। यह एक अत्यंत दुर्लभ और उच्च जोखिम वाली स्थिति थी, जिसमें त्वरित निर्णय और उन्नत हृदय चिकित्सा की आवश्यकता थी।
महिला को किसी भी पूर्व जोखिम कारक के बिना एक घंटे से सीने में दर्द की शिकायत के साथ आपातकालीन विभाग में लाया गया था। प्रारंभिक जांच में तीव्र हार्ट अटैक की पुष्टि हुई। हालांकि उपचार शुरू होने से पहले ही उन्हें कार्डियक अरेस्ट हो गया। (एक गंभीर स्थिति जिसमें दिल की धड़कन बंद हो जाती है और शरीर में रक्त प्रवाह रुक जाता है।) अस्पताल में डॉ. सुनील गौनियाल एवं उनकी टीम ने तुरंत कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (CPR) शुरू किया, जिसमें निरंतर छाती पर दबाव और कई बार इलेक्ट्रिक शॉक देना शामिल था।
30 मिनट तक लगातार प्रयासों के बावजूद महिला की धड़कन वापस नहीं आई। ऐसे में एक साहसी और दुर्लभ निर्णय लेते हुए डॉ. सुनील गौनियाल एवं टीम ने रोगी को कैथ लैब में ले जाकर आपातकालीन एंजियोप्लास्टी करने का निर्णय लिया। CPR जारी रहते हुए। जब दिल धड़क नहीं रहा हो और छाती पर दबाव लगातार दिया जा रहा हो, ऐसे में एंजियोप्लास्टी करना अत्यंत जटिल और जोखिम भरा होता है, जिसमें अत्यधिक समन्वय (तालमेल) और तीव्र क्रियान्वयन की आवश्यकता होती है।

चमत्कारी रूप से, अवरुद्ध धमनी को खोलने के कुछ ही मिनटों बाद महिला का दिल फिर से धड़कने लगा। उसके बाद महिला को तुरंत ICU में शिफ्ट किया गया, शिफ्टिंग के दो घंटे बाद महिला को होश आ गया और अगले दिन वेंटिलेटर से हटा दिया गया। पांच दिन बाद उन्हें पूरी तरह स्वस्थ स्थिति में छुट्टी दे दी गई और उनके किसी भी अंग को कोई नुकसान नहीं हुआ।
डॉ. सुनील गौनियाल सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट एमएमआई नारायणा अस्पताल, रायपुर ने कहा “यह हमारे द्वारा अब तक संभाले गए सबसे जटिल मामलों में से एक था। हमारा काम है प्रयास करते रहना पर जब ऐसे अकल्पनीय परिणाम मिलते है तो और भी अच्छा काम करने की प्रेरणा मिलती है। डॉ. गौनियाल ने विशेष रूप से डॉ राकेश चांद (सीनियर कंसलटेंट एवं एचओडी अनेस्थेसियोलॉजी) एवं डॉ. धर्मेश लाड (कंसलटेंट अनेस्थेसियोलॉजी) एवं डॉ. अजीतेश रॉय (जूनियर कंसल्टेंट इमरजेंसी मेडिसिन) का धन्यवाद देते कहा कि इनके सपोर्ट के बिना यह मुमकिन नहीं हो पाता।
डॉ. सुनील गौनियाल ने कहा, CPR के दौरान एंजियोप्लास्टी करना अत्यंत दुर्लभ और जटिल होता है। इसमें ER और Cath Lab टीमों के बीच सम्पूर्ण तालमेल की आवश्यकता होती है। इस मामले में रोगी को बिना किसी जटिलता के बचा पाना हमारे इमरजेंसी सिस्टम, कार्डियक प्रोटोकॉल और टीम की तत्परता को दर्शाता है। यह असाधारण मामला न केवल चिकित्सा विशेषज्ञता को दर्शाता है, बल्कि यह भी बताता है कि हार्ट अटैक के लक्षणों को जल्दी पहचानना, समय पर PCI-सुसज्जित अस्पताल पहुंचना और संगठित इमरजेंसी देखभाल प्रणाली होना कितना जरूरी है।
एमएमआई नारायणा हॉस्पिटल के फैसिलिटी डायरेक्टर अजित बेल्लमकोंडा ने बताया कि एमएमआई नारायणा अस्पताल, रायपुर cardiac emergencies में क्षेत्र का अग्रणी केंद्र बना हुआ है, जो 24×7 कैथ लैब सुविधा और जीवन-रक्षक हृदय उपचार प्रदान करता है।
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