इलाहाबाद। आरुषि-हेमराज डबल मर्डर केस में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आरुषि के माता-पिता डॉ राजेश तलवार और नूपुर तलवार को बरी कर दिया है. दरअसल डॉ राजेश और नुपुर ने सीबीआई कोर्ट के उम्रकैद की सजा के फैसले के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपील दायर की थी, जिस पर आज फैसला सुनाया गया. फिलहाल दोनों गाजियाबाद की डासना जेल में बंद हैं.
हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद तलवार दंपति भावुक हो गए. तलवार दंपती ने डासना जेल से ही टीवी के जरिए फैसला सुना.
हाईकोर्ट ने क्या-क्या कहा?
हाईकोर्ट ने कहा कि ऐसी सजा तो सुप्रीम कोर्ट ने भी कभी नहीं दी. कोर्ट ने कहा कि तलवार दंपति को तुरंत रिहा करना चाहिए. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि सीबीआई की जांच में कई गलतियां हैं.
बता दें कि 2012 जून में सीबीआई की विशेष अदालत में मामले की सुनवाई शुरू हुई थी. 26 नवंबर 2013 को कोर्ट ने आरुषि के माता-पिता डॉ राजेश तलवार और नुपुर तलवार को हत्या का दोषी करार दिया था और उम्रकैद की सजा सुनाई थी.
2014 में निचली अदालत के फैसले को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी. इस साल 8 सितंबर को हाईकोर्ट ने अर्जी पर फैसला सुरक्षित रख लिया. जिस पर आज फैसला सुनाया गया.
गौरतलब है कि इस मामले में हत्याकांड के बाद पुलिस ने ये भी कहा था कि आरुषि को नौकर हेमराज के साथ आपत्तिजनक हालत में देखने के कारण पिता राजेश तलवार ने दोनों की हत्या कर दी.
आरुषि-हेमराज डबल मर्डर
नोएडा में 16 मई 2008 को 14 साल की आरुषि का शव उसके कमरे में मिला था. हत्या का शक नौकर हेमराज पर गया. लेकिन अगले ही दिन हेमराज का शव भी घर की छत पर मिला. 23 मई को आरुषि के पिता डॉ राजेश तलवार को गिरफ्तार कर लिया गया. जून 2008 को सीबीआई ने जांच शुरू की. सीबीआई ने 13 जून को डॉ राजेश के कंपाउंडर कृष्णा को गिरफ्तार कर लिया. कृष्णा के बाद राजकुमार और विजय मंडल की भी गिरफ्तारी हुई.
बाद में राजेश तलवार जमानत पर रिहा हो गए. इधर कृष्णा, राजकुमार और विजय मंडल के खिलाफ भी ठोस सबूत नहीं मिले. 2009 में इन तीनों को भी जमानत मिल गई.
सीबीआई ने डाली थी क्लोजर रिपोर्ट
2010 में सीबीआई ने क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की. सीबीआई ने कहा कि सबूतों के अभाव में ऐसा करना पड़ रहा है. रिपोर्ट में आरुषि के माता-पिता को आरोपी नहीं बनाया गया था.
हालांकि कोर्ट ने क्लोजर रिपोर्ट स्वीकार नहीं किया. क्लोजर रिपोर्ट के खिलाफ राजेश तलवार ने प्रोटेस्ट पिटिशन दाखिल किया. हत्या की परिस्थितियों के मद्देनजर आरोप तय हुए. तलवार दंपति को ही हत्याकांड का मुख्य आरोपी माना गया. तलवार दंपति 2011 में सुप्रीम कोर्ट भी गए, लेकिन वहां से भी उन्हें राहत नहीं मिली.
2012 में जून से सीबीआई की विशेष अदालत में मामले की सुनवाई शुरू हुई. 25 नवंबर 2013 को कोर्ट ने आरुषि के माता-पिता डॉ राजेश तलवार और नुपुर तलवार को हत्या का दोषी करार दिया और 26 नवंबर को उम्रकैद की सजा सुनाई थी.
2014 में निचली अदालत के फैसले को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी गई. इस साल 8 सितंबर को हाईकोर्ट ने अर्जी पर फैसला सुरक्षित रख लिया था. जिस पर फैसला देते हुए आज हाईकोर्ट ने तलवार दंपति को बरी कर दिया.