मऊ. पूर्व बाहुबली सांसद मुख्तार अंसारी के बेटे और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के विधायक अब्बास अंसारी की विधानसभा की सदस्यता खत्म कर दी गई है. 2 साल की सजा के साथ ही अब्बास अंसारी की विधायकी चली गई है. अब यूपी विधानसभा सचिवालय जल्द ही मऊ सीट को रिक्त घोषित करेगा. निर्वाचन आयोग नियमानुसार सीट पर उपचुनाव भी कराएगा.

बता दें कि अब्बास अंसारी की विधायकी जाने से 2027 विधानसभा चुनाव से पहले ही मऊ सदर सीट पर उपचुनाव की संभावना बढ़ गई है. जो भाजपा के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है, खासकर जब उसके सहयोगी दलों, जैसे अनुप्रिया पटेल की अपना दल और संजय निषाद की निषाद पार्टी अधिक सीटों की मांग कर रहे हैं. इन दलों के तेवर कड़े होने से बीजेपी को गठबंधन की एकता बनाए रखने में कठिनाई हो सकती है.

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बता दें कि हेट स्पीच के मामले में मऊ की एमपी-एमएलए कोर्ट ने दोषी करार दिया है. कोर्ट ने 2 साल की सजा और 3 हजार का जुर्माना लगाया है. ऐसे में अब कयास ये लगाए जा रहे हैं कि अब्बास अंसारी की विधायकी भी जा सकती है. ऐसे में अब्बास अंसारी ने तय किया है कि वे मऊ के सीजेएम कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे.

क्या था अब्बास का बयान?

गौरतलब है कि 2022 यूपी विधानसभा में चुनाव प्रचार के लिए मऊ के पहाड़पुर मैदान में अब्बास अंसारी जनसभा को संबोधित करने के लिए पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने विवादित बयान देते हुए कहा था कि हमारी सरकार आने के बाद अधिकारियों से हिसाब-किताब किया जाएगा. उसके बाद अब्बास अंसारी के बयान को लेकर बवाल मच गया था. बयान सामने आने के बाद चुनाव आयोग ने तत्काल एक्शन लेते हुए अब्बास अंसारी के चुनाव प्रचार पर 24 घंटे के लिए रोक लगा दिया था. साथ ही अब्बास अंसारी के खिलाफ केस दर्ज कर जांच की जा रही थी. जांच में कोर्ट ने अब्बास अंसारी को दोषी पाया है. जिन्हें 2 साल की सजा सुनाई है.