रायपुर- वरिष्ठ आईपीएस और एडीजी जी पी सिंह के खिलाफ एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) की कार्रवाई जारी है. भीतर खाने से आ रही खबरों के मुताबिक अब तक रायपुर, राजनांदगांव और ओडिशा के करीब 15 ठिकानों पर छापा मारा गया है. इनमें से रायपुर में ही 13 ठिकाने शामिल हैं. एसीबी की एक टीम ओडिशा में छापे की कार्रवाई में जुटी है. बताया जा रहा है कि केंदुजर जिले के बड़बिल शहर में यह कार्रवाई चल रही है. एसीबी को वहां माइंस में इनवेस्टमेंट किए जाने की सूचना मिली है, जिसकी पड़ताल की जा रही है.

एसीबी सूत्र बताते हैं कि फोन रिकाॅर्डिंग किए जाने के शक पर जी पी सिंह का कंप्यूटर सिस्टम जप्त कर लिया गया है. उनके कंप्यूटर आपरेटर मनी भूषण के मकान पर भी छापा मारकर कुछ इलेक्ट्रानिक सिस्टम जब्त किया गया है. वहीं वीआईपी रोड के शगुन फार्म हाउस के अलावा प्रीतपाल सिंह के घर पर भी छापा मारा गया है.

ईओडब्ल्यू-एसीबी चीफ पद से हटाए जाने के बाद से ही जी पी सिंह पर नजर रखी जा रही थी. सूत्र बताते हैं कि जी पी सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार की कई गंभीर शिकायतें सरकार तक पहुंची थी. इन शिकायतों को आधार बनाकर एसीबी लंबे समय से क्लोज मॉनिटरिंग कर रही थी. एसीबी के सूत्र बताते हैं कि प्रारंभिक साक्ष्य पुख्ता होने के बाद ही छापे की कार्रवाई को अंजाम दिया गया है.

बताया जा रहा है कि बीते साल जब जीपी सिंह ईओडब्ल्यू-एसीबी चीफ के रूप में सेवाएं दे रहे थे, तब ही उनके खिलाफ सरकार को शिकायत मिली थी. सूत्र इस बात की तस्दीक करते हैं कि तब सरकार ने शिकायतों पर उनका जवाब भी मांगा था, लेकिन वह जवाब नहीं दे पाए थे. ईओडब्ल्यू-एसीबी चीफ रहते उनकी विदाई भी आनन-फानन में हुई. सरकार ने उन्हें हटाने का निर्देश दिया और फौरन तबादला आदेश जारी कर दिया गया. उन्हें छत्तीसगढ़ पुलिस अकादमी भेज दिया गया. सूबे में इसे लूपलाइन माना जाता है. इधर ईओडब्ल्यू-एसीबी चीफ के रूप में आरिफ शेख की तैनाती कर दी गई. बीते एक साल से जी पी सिंह के खिलाफ मिली शिकायतों की आंतरिक जांच जारी थी. अब जब प्रमाण सामने आए तब एंटी करप्शन ब्यूरो ने छापा मारा है.