शैलेंद्र पाठक, बिलासपुर। पुलिस की रक्षा टीम ने अपनी सक्रियता से मानव तस्करी को रोका बल्कि एक नाबालिग की जिंदगी बर्बाद होने से भी बचा ली. नाबालिग को आरोपी 50 हजार रुपए में एक विधुर के हाथों बेच रहे थे, जिसकी पहले से ही दो साल की बच्ची है. आरोपियों ने पकड़े जाने से पहले नाबालिग की कथित शादी का पूरा इंतजाम कर भी कर लिया था.

जानकारी के अनुसार, पुलिस की रक्षा टीम को मंगला बस्ती धुरी पारा का एक परिवार द्वारा एक नाबालिग बच्ची को संदेहास्पद तरीके से 18-20 दिन से अपने घर में रखे होने की जानकारी मिली. रक्षा टीम जब मौके पर पहुंची तो शशि चतुर्वेदी पिता राजाराम चतुर्वेदी नामक आटो चालक नाबालिग को अपनी बहन बताते हुए तरह-तरह की बातें करना लगा. टीम ने तत्काल नोडल अधिकारी निमिषा पांडेय उप पुलिस अधीक्षक IUCAW बिलासपुर को तत्थों से अवगत कराने के साथ नाबालिग को आरोपियों के चंगुल से निकालकर IUCAW बिलासपुर के कार्यालय में लेकर आ गए.

कार्यालय में नाबालिग से प्यार से बातचीत की गई तो चौकाने वाले तथ्य निकल कर आए, जिसके अनुसार 30 जनवरी को नाबालिग किसी मामूली सी बात पर माता-पिता से कही-सुनी होने पर कवर्धा जिला स्थित दामापुर से भाग कर बिलासपुर आ गई थी, मंगला चौक पर खड़े रहने के दौरान आरोपी आटो चालक उसे बहला-फुसलाकर काम का झांसा देकर अपने घर लेकर आया. यहां 50 हजार रुपए में सौदा कर कथित तौर पर उसकी शादी मध्यप्रदेश के ग्वालियर जिला के ग्राम बिरमढाना निवासी देव उर्फ देशराज जाटव पिता लाखन सिंह से करवा रहे थे. लेकिन रक्षा टीम के पहुंचने से मंसूबा धरा का धरा रह गया. मामले को संज्ञान में लेते हुए पुलिस अधीक्षक ने थाना सिविल लाइन में धारा 370, 120 बी भादवि का अपराध पंजीबद्ध कराया.

बिलासपुर पुलिस ने मामले में शशि चतुर्वेदी पिता राजा राम चतुर्वेदी, देव उर्फ देशराज जाटव निवासी ग्वालियर, राजा राम चतुर्वेदी निवासी मंगला, फुलवती पति मुन्ना राज निवासी जिला ग्वालियर, चंपा बाई सिवारे निवासी छतौना-चकरभाठा, रोला पति करणा राम बंजारे निवासी तेंदूवा थाना कोटा और शालिनी चतुर्वेदी पति शशि चतुर्वेदी निवासी मंगला धुरी पारा को गिरफ्तार किया है. वहीं बच्ची की दस्तयाबी की सूचना वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा कवर्धा पुलिस को दे दी गई है.

इस कार्रवाई में रक्षा-टीम बिलासपुर नोडल निमिषा पांडेय उप पुलिस अधीक्षक IUCAW बिलासपुर, थाना प्रभारी सिविल लाइन परवेश तिवारी, मुख्य आरक्षक खुर्शीद अहमद, हेमलता गौरहा, सरिता टोप्पो, आरक्षक उमेद सिंह खंटे चालक अज्जू का सक्रिय योगदान रहा.