हार्वर्ड/रायपुर। छत्तीसगढ़ के गृह, जेल और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू अमेरिका की हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में आयोजित 17वें वार्षिक भारत सम्मेलन में लगातार दूसरे साल शामिल हुए. हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में उन्होंने ‘भारत में आर्थिक परिवर्तन : सभी के लिए’ विषय पर परिचर्चा में हिस्सा लिया. साथ ही नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी विषय पर भी प्रेजेंटेशन दिया. उन्होंने प्रेजेंटेशन के माध्यम से बताया कि इसका क्या महत्व है, किस तरह से इस पर काम किया जाता है और छत्तीसगढ़ सरकार ने इस ड्रीम प्रोजेक्ट की शुरूआत क्यों की है.

छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा लागू की गई चार चिन्हारी नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी योजना से अब गांव एवं ग्रामीणों की तस्वीर और तकदीर बदलती दिख रही है. गांवों में ‘नरवा, गरूवा, घुरवा और बाड़ी’ के संरक्षण-संवर्धन के कार्यों को बढ़ावा दिया जा रहा है.

सीएम भूपेश ने ट्वीट करते हुए कहा कि हार्वर्ड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं को प्रदेश की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरवा और बारी ने इतना प्रभावित किया है कि उन्होंने प्रदेश में अध्ययन व शोध की अपनी इच्छा भी प्रकट की है. वहीं विश्वविद्यालय के छात्र वर्षा जल का संचय कर भूजल स्तर बढ़ाने की विधियों पर शोध करेंगे.

ये हैं प्रेजेंटेशन के मुख्य बिन्दु…

  • NGGB के पीछे की अवधारणा. यह महत्वपूर्ण क्यों है ?
  • नरवा के लिए डीपीआर आदि बनाया जा रहा है. काम शुरू हो गया है.
  • गोठान का काम शुरू हो गया है, अच्छी प्रगति हो रही है.
  • महिला एसएचजीएस को प्रशिक्षित और सक्रिय बनाया जा रहा है.
  • गोठान को महिलाओं के लिए एक बहु-गतिविधि केंद्र के रूप में भी बनाया जाना है.
  • गोठान में स्थानीय स्तर पर बनाई जाने वाली जैविक खाद वर्मीकम्पोस्ट, आदि.
  • सब्जियों और तालों के फलों के उत्पादन के लिए किचन गार्डन, स्कूलों में एमडीएम में और आंगनवाड़ियों में भोजन के रूप में उपयोग किया जाना है. यह सुपोषण अभियान और अन्य अभियान में मदद करेगा.

गौरतलब है कि दुनिया के श्रेष्ठ शैक्षणिक संस्थानों में प्रमुख स्थान रखने वाले हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के भारत सम्मेलन का सालाना आयोजन भारत से जुड़े समकालीन विषयों पर संवाद, परिचर्चा और लोगों को जोड़ने के दुनिया के सबसे बड़े मंचों में से एक है. इसमें दुनिया भर की नामी हस्तियां हिस्सा लेती हैं.

बता दें कि अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू ने पिछले वर्ष इसी आयोजन में छत्तीसगढ़ के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रूप में प्रदेश में विधानसभा निर्वाचन-2018 के अनुभव साझा किए थे. उन्होंने माओवाद प्रभावित बस्तर में चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में सुरक्षित, शांतिपूर्ण और निर्विघ्न मतदान के लिए मतदान दलों और प्रशासन द्वारा किए गए साहसिक कार्यों को रेखांकित करते हुए अनेक उदाहरणों के माध्यम से भारत में निर्वाचन प्रक्रिया की बारीकियों के बारे में बताया था.

वे हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में लगातार दो बार व्याख्यान देने वाले प्रदेश के इकलौते अधिकारी हैं. सुब्रत साहू, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ 12 फरवरी से दस दिनों के अमेरिका प्रवास पर हैं.