कुमार इंदर, जबलपुर। मध्य प्रदेश में एक बार फिर लल्लूराम डॉट कॉम की खबर का बड़ा असर हुआ है। महाकौशल क्षेत्र के सबसे बड़े मेडिकल कालेज नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों का अजब कारनामा सामने आया, जहां एक जिंदा मरीज को मृत घोषित करते हुए उसका डेथ सर्टिफिकेट जारी कर दिया गया। वहीं अब मामले में मेडिकल कॉलेज के सुपरिंटेंडेंट ने भी डॉक्टरों की गलती मानी। जिसमें उन्होंने कहा कि, मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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लापरवाह डॉक्टरों के खिलाफ जांच कर कार्रवाई का भरोसा दिलाया गया है। मेडिकल कॉलेज के सुपरिंटेंडेंट अरविंद शर्मा ने भी माना है कि इस मामले में डॉक्टर की गलती है जिन्होंने जिंदा आदमी को मृत घोषित कर दिया। मेडिकल कॉलेज के सुपरिंटेंडेंट अरविंद शर्मा का कहना है कि उन्होंने इस मामले की जांच के लिए कह दिया है, साथ ही विभाग अध्यक्ष को भी लिखा है जो मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ करेंगे।

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क्या है पूरा मामला

दरअसल, जबलपुर संभाग के सबसे बड़े नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में जबलपुर के गौरी घाट स्थित रहने वाले 66 वर्षीय इंद्रजीत सिंह शुक्ला को अचानक तबियत बिगड़ने पर 26 तारीख की रात को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था, लेकिन उसकी अगली सुबह 27 जनवरी को मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया और बाकायदा एक स्लिप भी थमा दी गई। जिसमें यह लिखा हुआ है कि इंद्रजीत शुक्ला की 27 तारीख को मौत हो चुकी है। परिजनों ने जब अपने मरीज की हालत देखी तो उसकी सांसे चल रही थी, इस बात की जानकारी उन्होंने डॉक्टर को दी जिसके बाद हरकत में आए डॉक्टरों ने वापस से मरीज को वेंटिलेटर पर रख दिया। मरीज की हालत अभी भी क्रिटिकल बनी हुई है। परिजनों का आरोप है की जैसी उन्होंने डॉक्टरों की लापरवाही उजागर की डॉक्टर ने न केवल उनके मरीज का इलाज करने से मना कर दिया बल्कि मरीज को कहीं और ले जाने के लिए भी कह दिया।

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