मनेंद्र पटेल, दुर्ग। छत्तीसगढ़ में अवैध घुसपैठियों के खिलाफ कार्रवाई लगातार जारी है। इसी कड़ी में दुर्ग जिले में अवैध बांग्लादेशी नागरिकों के विरुद्ध गठित एसटीएफ टीम ने एक बार फिर दो घुसपैठियों को गिरफ्तार किया है। इन आरोपियों के पास फर्जी दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं। दोनों अवैध घुसपैठियों को कैंप-2 छावनी से गिरफ्तार किया गया है। ये दोनों आरोपी 8 महीनों से कैंप क्षेत्र में निवासरत थे। जिले में अब तक कुल 7 अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है।

छत्तीसगढ़ में अवैध रूप से घुसपैठ कर रहने वाले बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों की पहचान कर उनके खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है। इसी क्रम में दुर्ग पुलिस को जानकारी मिली कि कैंप-2 अमन लकड़ी टाल के पास एक किराये के मकान में एक संदिग्ध बांग्लादेशी पुरुष एवं एक महिला अपना मूल पहचान छिपाते हुए फर्जी नाम से रह रहे है। एसटीएफ की टीम ने दोनो बंगलादेशी नागरिक मोहम्मद अली शेख उर्फ मोहम्मद अब्दुल रौब हुसैन और उसके साथी शेख उर्फ साथी खातून को हिरासत में लेकर पुछताछ की। दोनों आरोपियों ने अपना पता पश्चिम बंगाल के जिला दक्षिण, 24 परगना बताकर फर्जी एवं कूटरचित दस्तावेज तैयार कर साल 2012 से भारत में निवास कर रहें हैं। साथी खातून ने भी साल 2014 में अवैध रूप से भारतीय सीमा पार कर पश्चिम बंगाल में निवास किया। दोनों फर्जी नाम से लगभग 10-12 वर्षों से रह रहे थे।

भिलाई नगर सीएसपी सत्यप्रकाश तिवारी ने बताया कि एसटीएफ टीम एवं थाना छावनी पुलिस द्वारा दोनों संदिग्ध बांग्लादेशी नागरिकों से पूछताछ करने पर उनके द्वारा अपना नाम मोहम्मद अली शेख निवासी बुधाखली गोलाबारी, जिला दक्षिण 24 परगना, पश्चिम बंगाल एवं महिला ने अपना नाम साथी शेख संदेशखली, गोलाबारी जिला दक्षिण 24 परगना पश्चिम बंगाल को होना बताया लेकिन जांच में दोनों बांग्लादेश के जिला जेससोर के निवासी पाए गए। दोनों संदिग्ध बांग्लादेशी महिला पुरूष के कब्जे से फर्जी परिचय पत्र, पैन कार्ड, बैंक पासबुक जप्त किया गया। वहीं इनके पास मिले पासपोर्ट, दस्तावेज एवं मोबाइल डाटा की जांच की गई, जिसमें IMO ऐप से अपने बांग्लादेशी परिजनों से संपर्क में थे। दोनों को गिरफ्तार कर कार्रवाई की गई।