शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश में लाउडस्पीकर हटाने की कार्रवाई के साथ इस पर सियासत भी शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव को कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने पत्र लिखा है। उन्होंने पुलिस पर बल प्रयोग के दम पर लाउडस्पीकर हटवाने का आरोप लगाया है। 

आरिफ मसूद ने कहा कि मैंने लाउडस्पीकर हटाने को लेकर सदन में सवाल पूछा था। इसके जवाब  में कहा गया था कि धर्म गुरुओं से संवाद कर हटाए जाने के लिए प्रेरित किया गया। पुलिस लगातार लाउडस्पीकर पर पूर्ण प्रतिबंध का भ्रम फैला रही है। सुप्रीम कोर्ट ने लाउडस्पीकर आवाज को लेकर जो आदेश दिया, उन नियमों का पालन करने के लिए पुलिस अधीक्षक को निर्देश करें ताकि किसी तरह का भ्रम न फैले। 

आरिफ मसूद ने मुख्यमंत्री को पत्र में लिखा, बैठक कर लाउडस्पीकर डीजे. पर नियंत्रण अभियान पुनः चलाए जाने संबंधी मौखिक निर्देश दिए गए हैं। यह कि आपके द्वारा दिये गए निर्देशों के परिपालन में पुलिस द्वारा ग्रामीण अंचलों में धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकरों को बलपूर्वक हटाने का कार्य कर रही है। जबकि फरवरी 2024 विधानसभा सत्र में दिनांक 09 फरवरी 2024 को मैंने ध्वनि विस्तारक यंत्रों का नियम विरूद्ध प्रयोग विषयक प्रश्न क्र. 196 लगाया था। जिसके उत्तर में आपने सदन को बताया था कि प्रशासन ने समस्त संबंधित धर्मगुरुओं से संवाद व समन्वय के आधार पर लाउड स्पीकरों को हटाए जाने पर प्रेरित है। और स्वप्रेरणा से भी लाउडस्पीकरों को उतारा गया है। निर्धारित ध्वनि सीमा (डेसिबल) का उल्लंघन करने वाले समस्त ध्वनि विस्तारक यंत्रों के संबंध में नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है।

यह कि पुलिस द्वारा लगातार गृह विभाग द्वारा जारी आदेश दिनांक 13/12/2023 का हवाला देकर लाउडस्पीकर पर पूर्ण प्रतिबंध है इस तरह का भ्रम फैलाया जा रहा है। अतः मेरा आपसे अनुरोध है कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा न्याय दृष्टांत रिट पिटीशन क्रमांक 72/98 In Re Noise Pollution में पारित दिनांक 18/07/2005 में ध्वनि विस्तारक यंत्रों (लाउड स्पीकर/डी.जे. / सम्बोधन प्रणाली) को नियंत्रण करने के लिए आदेश का पालन करने हेतु सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को निर्देशित करें ताकि किसी भी तरह की भ्रम की स्थिति उत्पन्न ना हो।

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