सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर सुप्रीम कोर्ट के एतिहासिक फैसले के बाद कई लोग इसका समर्थन कर रहे हैं तो कुछ अब भी इसके विरोध में खड़े हैं. इस बीच मलयालम सिनेमा के अभिनेता कोल्लम थुलासी ने इस मामले पर विवादित बयान दिया है. थुलासी ने कहा है कि मंदिर में आने वाली महिलाओं के टुकड़े कर दिए जाने चाहिए.
तिरुवनंतपुरम. सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर सुप्रीम कोर्ट के एतिहासिक फैसले के बाद कई लोग इसका समर्थन कर रहे हैं तो कुछ अब भी इसके विरोध में खड़े हैं. इस बीच मलयालम सिनेमा के अभिनेता कोल्लम थुलासी ने इस मामले पर विवादित बयान दिया है. थुलासी ने कहा है कि मंदिर में आने वाली महिलाओं के टुकड़े कर दिए जाने चाहिए.
उन्होंने कहा, ‘सबरीमाला मंदिर आने वाली महिलाओं के 2 टुकड़े कर दिए जाने चाहिए. एक टुकड़ा दिल्ली भेज दिया जाना चाहिए तो दूसरा हिस्सा तिरुवनंतपुरम में स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय में फेंक दिया जाना चाहिए.’
उनके इस बयान के बाद हर तरफ लोग इसकी निंदा कर रहे हैं. दरअसल 28 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने एतिहासिक फैसला सुनाते हुए सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर लगी रोक हटा दी थी. कोर्ट ने कहा था कि देश में प्राइवेट मंदिर का कोई सिद्धांत नहीं हैं. अगर किसी मंदिर में पुरुष प्रवेश कर सकते हैं तो महिलाएं भी कर सकती है. कोर्ट ने फैसला सुनाया था कि सबरीमाला मंदिर में हर उम्र की महिलाएं प्रवेश कर सकती है. तत्कालिन चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की पीठ ने महिलाओं के सबरीमाला मंदिर में प्रवेश को लैंगिक भेदभाव बताया था.
क्यों बैन था महिलाओं का सबरीमाला मंदिर में प्रवेश
सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर मंदिर प्रबंधन का कहना था कि रजस्वला होने की वजह से 10 से 50 साल की उम्र की महिलाएं अपनी व्यक्तिगत शुद्धता (मासिक धर्म) बनाये नहीं रख सकती हैं, यही कारण है कि इस वर्ग की महिलाओं का प्रवेश मंदिर में वर्जित था.