नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध विभागों व कॉलेजों में शिक्षकों की स्थायी नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करने के लिए विश्ववविद्यालय प्रशासन की ओर से कॉलेज प्रिंसिपलों को अभ्यर्थियों की स्क्रीनिंग व शॉर्ट लिस्टिंग संबंधी गाइडलाइंस भेजी गई है. इसे लेकर एडहॉक शिक्षक परेशान हैं. उनका कहना है कि नई गाइडलाइन्स के प्रावधान ऐसे हैं, जिससे कई शिक्षकों को इंटरव्यू के लिए कॉल नहीं आएगा. दिल्ली विश्वविद्यालय में गाइडलाइंस का पालन करते हुए आवेदन पत्रों की जांच चल रही है. बता दें कि पिछले दिनों विभिन्न विभागों में सहायक प्रोफेसरों की नियुक्ति संबंधी विज्ञापन निकाला गया था. आजकल विभागों में शिक्षकों के आवेदन पत्रों की स्क्रीनिंग का काम जोरों पर है.

कोरोना के लक्षण दिखने पर डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के बिना किसी भी टेस्टिंग सेंटर में अपनी जांच करवा सकते हैं- सत्येंद्र जैन

 

स्क्रीनिंग के तहत विश्वविद्यालय के नियमानुसार विभागों की नियुक्ति में उन्हीं अभ्यर्थियों को इंटरव्यू में बुलाया जाएगा, जिनका एपीआई स्कोर सामान्य वर्गों व ओबीसी के लिए- 65 है, एससी, एसटी के लिए 60 एपीआई स्कोर होगा. जिन शिक्षकों की पीएचडी हो चुकी है, उनका एपीआई स्कोर अधिक होगा और बिना पीएचडी किए शिक्षक इस दौड़ में पीछे छूट जाएंगे. विभाग के कई प्रोफेसरों ने बताया है कि उनके यहां एमए, एमकॉम, एलएलएम, एमएड नेट जेआरएफ के आधार पर बहुत से एडहॉक टीचर्स लंबे समय से लगे हुए हैं, लेकिन पीएचडी न होने के कारण इन शिक्षकों का एपीआई स्कोर कम है.

 

यूजीसी की नई गाइडलाइंस से एडहॉक टीचर्स परेशान

ऐसी स्थिति में यदि स्थायी नियुक्ति की प्रक्रिया के अंतर्गत एससी/एसटी-60 और सामान्य व ओबीसी के अभ्यर्थियों को 65 एपीआई स्कोर पर बुलाया जाएगा, तो वे इंटरव्यू प्रॉसेस से बाहर हो जाएंगे, जबकि पिछले दिनों शिक्षा मंत्रालय ने कहा था कि शिक्षकों की नियुक्तियों में पीएचडी की अनिवार्यता नहीं है. यदि पीएचडी की अनिवार्यता नहीं है, तो जो एडहॉक टीचर्स वर्षों से लगे हुए हैं और जो एमए, एमकॉम नेट, जेआरएफ के आधार पर विभागों में असिस्टेंट प्रोफेसर लगे हुए हैं, उन सभी को इंटरव्यू में बुलाने की मांग फोरम ऑफ एकेडेमिक्स फॉर सोशल जस्टिस ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर से की है.

दिल्ली में नए युग की शुरुआत, CM केजरीवाल ने दिल्ली की पहली इलेक्ट्रिक बस को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना, एक घंटे में होगी रिचार्ज

 

फोरम के चेयरमैन डॉ हंसराज सुमन का कहना है कि उन्हें बहुत से कॉलेजों के एडहॉक टीचर्स ने बताया है कि विश्वविद्यालय द्वारा भेजी गई गाइडलाइंस के अनुसार, 10 से 20 फीसदी वे एडहॉक टीचर्स जो पिछले कई वर्षों से कॉलेजों में पढ़ा रहे हैं और जो एमए, एमकॉम, एमएससी, नेट, जेआरएफ करके लगे हुए हैं, वे सिस्टम से बाहर हो जाएंगे। इसको लेकर एडहॉक शिक्षक परेशान हैं. उनका कहना है कि इस गाइडलाइंस के अनुसार बिना पीएचडी एससी एसटी, ओबीसी व विक्लांग अभ्यर्थियों को इंटरव्यू के लिए कॉल नहीं आएगा, जबकि यूजीसी शिक्षा मंत्रालय ने सहायक प्रोफेसर की नियुक्ति में पीएचडी से छूट मिली है फोरम ने सभी एलिजिबल केंडिडेटस को इंटरव्यू में बुलाने की मांग की है.

 

स्क्रीनिंग सभी पुराने विज्ञापनों के आधार पर निकाली गई

फोरम के चेयरमैन डॉ हंसराज सुमन ने बताया कि दिल्ली विश्वविद्यालय के विभागों के लगभग 850 पदों पर व कॉलेजों में 5000 से अधिक स्थायी नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करने के लिए डीयू के विभिन्न विभागों और संबद्ध कॉलेजों में सहायक प्रोफेसर के पदों को भरने के लिए स्क्रीनिंग का काम जोर-शोर से चल रहा है. उन्होंने बताया है कि यह स्क्रीनिंग सभी पुराने विज्ञापनों के आधार पर निकाली गई थी.