सतीश चांडक सुकमा ।  जिले के अत्यंत संवेदनशील और घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र ग्राम जंगमपाल में सामुदायिक पुलिसिंग व नक्सल मुक्त बस्तर अभियान के तहत  ‘मित्रवत पुलिस कार्यक्रम’ का आयोजन किया गया. इसमें कलेक्टर जेपी मौर्य, पुलिस अधीक्षक  अभिषेक मीना समेत पुलिस व प्रशासन का अमला मौजूद रहा.  कार्यक्रम में ग्रामीणों की विभिन्न समस्याओं को लेकर उपस्थित अधिकारियों द्वारा पूछताछ की गई, जिसमें नक्सल ग्राम होने के कारण कई सुविधाओं का अभाव होना ग्रामीणों ने व्यक्त किया.

नक्सलियों के डर से जहां कई विभागों के शासकीय सेवक गावों में नियमित सेवा देने से दहशत वश नियमित नही जा पाते वही पानी, बिजली, रोड, स्वास्थ्य, शिक्षा,सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं के प्रति गांव वाले भी नक्सल डर से जागरूक नही दिखे. इस अवसर पर एसडीओपी सुकमा रामगोपाल करियारे, डीएसपी नक्सल विंध्यराज, सीआरपीएफ के जवान भी उपस्थित रहे.

प्रशासनिक अमला के पहुचने पर सार्वजनिक वितरण प्रणाली, स्वास्थ्य, शिक्षा, आंगनबाड़ी, शिक्षक, मनरेगा, राशनकार्ड, आदि से संबंधित कई शिकायतें कलेक्टर के समक्ष रखी गईं. कार्यक्रम में कलेक्टर जय प्रकाश मौर्य द्वारा कई महिलाओं के वृद्धावस्था पेंशन जनगणना लिस्ट में नाम नही होने से नही मिलने, सार्वजनिक वितरण प्रणाली के राशन यथोचित समय पर नही मिलने, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के गांव से बाहर रहने, स्वास्थ्य कार्यकर्ता के नियमित सेवा नही देने, बिजली की खंभे के अभाव, आदि कई गंभीर सेवा के प्रति लापरवाही की बात सामने आई.

एसपी अभिषेक मीनाने युवाओं से अपील करते हुए कहा कि  पुनर्वास और समर्पण नीति के अनुपालन में शांति और सौहाद्र का मार्ग अपना ले नही तो देश का कानून किसी भी लोक विरोधी क्रियाकलाप हेतु उन्हें माफ नही करेगी.