पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबंद। नगर पालिका के शुक्रवारी बाजार में फुटकर व्यापारियों के व्यवस्थापन को लेकर चल रही भूख हड़ताल रविवार को प्रशासनिक हस्तक्षेप के बाद समाप्त हो गई। भूख हड़ताल के 30वें घंटे पालिका सीएमओ गिरीश चंद्रा पुलिस और राजस्व विभाग की संयुक्त टीम के साथ गांधी मैदान पहुंचे और व्यापारियों को आश्वासन दिया कि शेड निर्माण पूरी तरह होने तक किसी भी व्यापारी को विस्थापित नहीं किया जाएगा।
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शनिवार सुबह 10 बजे से शुरू हुई भूख हड़ताल पर बैठे व्यापारियों और पालिका प्रशासन के बीच शुरुआती बातचीत तल्ख रही। व्यापारियों ने प्रशासन पर भेदभावपूर्ण बाजार आबंटन का आरोप लगाते हुए जमकर नाराजगी जताई। इस बीच कोतवाली प्रभारी ओमप्रकाश ने शांतिपूर्वक संवाद की अपील की, जिसके बाद बातचीत का रास्ता खुला।
CMO गिरीश चंद्रा ने व्यापारियों को आश्वस्त किया कि सभी मांगों को लेकर एक प्रतिनिधिमंडल सोमवार को कलेक्टर से मुलाकात करेगा। सहमति बनने के बाद कोतवाली प्रभारी ओमप्रकाश ने भूख हड़ताल पर बैठे लोगों को पानी पिलाकर उनका अनशन समाप्त करवाया। इस समझौते में नगर पार्षद पुना राम यादव, छगन यादव और गेंदलाल सिन्हा की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
इस वजह से लामबद्ध हुए व्यापारी
गरियाबंद पालिका के शुक्रवारी बाजार में फुटकर व्यापारी पिछले 15–20 वर्षों से मनिहारी, कपड़ा और चूड़ी आदि का व्यापार कर रहे हैं। व्यापारियों का आरोप है कि नगर पालिका द्वारा बाजार में बनाए जा रहे नए शेड और चबूतरों के आबंटन में पारदर्शिता नहीं बरती जा रही है। उनका कहना है कि पुराने और असली व्यापारियों को नजरअंदाज कर कुछ चुनिंदा लोगों को प्राथमिकता दी जा रही है। जिसके खिलाफ व्यापारी लामबद्ध हुए. इस भूख हड़ताल में 9 व्यापारियों में 5 महिलाएं शामिल थीं, जो अपने छोटे बच्चों के साथ लगातार डटी रहीं। वहीं रविवार दोपहर बारिश के चलते धरना स्थल गीला हो गया, जिससे प्रदर्शनकारियों के बीमार पड़ने की आशंका भी बढ़ गई थी। इसके बाद प्रशासनिक टीम ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को संभाला।
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