कुमार इंदर, जबलपुर: जवान की शहादत के अपमान को लेकर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने नाराजगी जाहिर की है। हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने इस मामले में प्रदेश के मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। हाईकोर्ट ने पूछा है कि आखिर शहीद के परिवार के साथ किया गया कमिटमेंट करने के बाद भी प्रशासन ने अपना वादा क्यों पूरा नहीं किया।

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, साल 2019 में जबलपुर के सिहोरा के रहने वाले सीआरपीएफ जवान अश्विनी काछी श्रीनगर में तैनात थे। पुलवामा में दुश्मनों द्वारा किए गए ब्लास्ट में अश्विनी शहीद हो गए थे। जिनके अंतिम संस्कार के समय सरकार और प्रशासन द्वारा शहीद के परिवार से यह वादा किया गया था कि जिस जगह शहीद की प्रतिमा लगाई जा रही है वहां पर उनके नाम से एक न केवल पार्क बनाया जाएगा बल्कि शहीद के नाम से ही एक स्कूल भी खोला जाएगा। लेकिन 4 साल पूरे हो गए आज तक शहीद के परिवार से किया गया वादा अभी भी अधूरा है।

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हाईकोर्ट में लगाई गई थी याचिका

इसी मामले को लेकर परिवार के ही लोगों ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में एक याचिका का लगाई गई थी। जिसकी सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस रवि मलिमठ और जस्टिस विशाल मिश्रा की बेंच ने सरकार से जवाब तलब किया है।

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पुण्यतिथि पर भी प्रशासन ने नहीं किया याद

पुलवामा आंतकी हमले 14 फरवरी 2019 को आतंकी हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे। जिसमें जबलपुर जिले के सिहोरा तहसील में स्थित खुड़ावल के सीआरपीएफ जवान अश्विनी काछी भी इस हमले में शहीद हुए थे। सरकार की तरफ परिवार के लिए कई घोषणाएं की गई थीं, लेकिन अमल आज तक नहीं हुआ है। इस बार भी 14 फरवरी को शहीद के पांचवी पुण्यतिथि मनाई गई जिसमें कोई भी प्रशासनिक नुमाइंदा नहीं पहुंचा था।

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