रायपुर। राज्य प्रशासन ने वही किया जिसकी संभावना लल्लूराम डॉट ने जताई थी.  राज्य शासन को केबीसी के लिये चयनित मुंगेली की डिप्टी कलेक्टर अनुराधा अग्रवाल को अनुमति देनी पड़ी. क्योंकि जब तक उनके आवेदन पर भाग न लेने की ख़बर आती तब तक अनुराधा अग्रवाल केबीसी खेलकर आ चुकी थीं. हांलाकि कुछ मीडिया समूहों ने आधी-अधूरी जानकारी के साथ ख़बर जारी की जिसमें केवल ये बताया गया कि डिप्टी कलेक्टर अनुराधा को अनुमति नहीं मिली लल्लूराम डॉट कॉम के पास पूरी ख़बर थी लिहाज़ा उसने जल्दी में कुछ भी लिखने की बजाय इस बात पर ज़ोर दिया सारे पक्षों की पड़ताल करके ही ख़बर दी जाए ताकि लोग सच्चाई और समस्या से सटीक रुप से वाकिफ हो सकें.

प्रशासन को जब ये पता चला कि अनुमति न देने के फैसले में देरी उनकी तरफ से हो गई है और अनुराधा केबीसी खेलकर आ चुकी है तो प्रशासनिक अधिकारियों को बेहतर विकल्प यही दिखा कि अनुमति दे दी जाए. लल्लूराम डॉट कॉम ने इस संभावना को इतवार को जाहिर कर दिया था. इसके अलावा प्रशासन के पास दूसरा विकल्प बाद में चेतावनी जारी करने का था. लेकिन मीडिया में जिस तरीके से सरकार की आलोचना अनुराधा अग्रवाल को भाग न लेने देने को लेकर हो रही थी उस लिहाज़ा से वो कदम मुफीद न था.

डिप्टी कलेक्टर अनुराधा अग्रवाल ने आज फोन पर लल्लूराम डॉट कॉम का शुक्रिया अदा किया कि उसने सही-सही ख़बर दी. दरअसल हमने हर छोटी पेचिदगियों का हवाला अपनी ख़बर में दिया था. जिससे प्रशासनिक अधिकारियों को सही फैसला लेने में सहुलियत हुई. सामान्य प्रशासन विभाग से ये गलती हो गई कि अनुराधा के आवेदन पर फैसला लेने में उसने देरी की और बिना कारण बताए अनुराधा का आवेदन अमान्य कर दिया. बाद में लल्लूराम डॉट कॉम द्वारा वस्तुस्थिति जानकर सही निर्णय लिया गया.

हांलाकि जिन मीडिया समूहों ने अधूरी जानकारी के आधार पर खबर बनाई उन्होंने आज इसे अपनी ख़बर का असर भी बता दिया. जो हकीकत से कोसों दूर है.

 

आधी-अधूरी नहीं पढ़िये वो पूरी ख़बर क्या थी