जितेन्द्र सिन्हा, राजिम. स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल में शैक्षणिक सत्र 2022-23 में फर्जी अंकसूची और टीसी बनाकर 5 स्कूली बच्चों के पढ़ने का मामला उजागर हुआ है. जिसकी जानकारी मिलते ही मामले की पड़ताल ग्राउंड जीरो में जाकर की तो कई चौंकाने वाले खुलासे हुए.

बता दें कि, 2022-23 शैक्षणिक सत्र में स्वामी आत्मानन्द स्कूल में 5 बच्चों का फर्जी तरीके से अंकसूची और ट्रान्सफर सर्टिफिकेट बनाकर एडमिशन किया गया. बच्चों ने बाकायदा साल भर स्कूल में पढ़ाई भी की. जिसकी भनक स्कूल प्रबंधन को जरा भी नहीं लगी. इस पूरे मामले में स्कूल में पढ़ रहे बच्चे के एक पालक नीलम साहू का नाम सामने आया है. जो कोचिंग सेंटर का संचालन करता है.

इतना ही नहीं अपने कोचिंग सेंटर के कंप्यूटर से अपने दोनों बच्चों का मार्कशीट और टीसी बनाने के साथ ही अन्य तीन और बच्चों का फर्जी तरीके से प्रमाणपत्र बनाकर स्कूल में दाखिल कराने में एक बड़ा फर्जीवाड़ा किया है. फर्जी मार्कशीट और टीसी में आरंग के एक निजी स्कूल का नाम उपयोग कर घर में बैठकर फर्जी अंकसूची और टीसी बनाया गया. जबकि उस स्कूल से दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं है ना ही बच्चे कभी वहां पढ़े हैं और न ही वह सर्टिफिकेट उस स्कूल का है.

चौकाने वाली बात यह है कि इस मामले में पालकों ने बताया कि, इसकी जानकारी अक्टूबर माह में प्राचार्य संजय एक्का को थी. लेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की. जब बात मीडिया के सामने आई तो आनन-फानन में कार्रवाई की बात कहकर जांच समिति गठित कर दिया गया.

वहीं इस जालसाजी की खबर मिलते ही जिला शिक्षा अधिकारी डी. एस. चौहान ने दबी आवाज में कार्रवाई करने की बात कही है. अब देखने वाली बात होगी कि प्रदेश के मुखिया के ड्रीम प्रोजेक्ट में इतना बड़ा फर्जीवाड़ा किए जाने वालों पर शासन-प्रशासन क्या कार्रवाई करता है.