रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के परिणाम सामने आ गए हैं. इसके साथ ही नवनिर्वाचित विधायकों का बही-खाता भी एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (एडीआर) ने पेश कर दिया है. रिपोर्ट के अनुसार, नवनिर्वाचित 90 विधायकों में से 17 विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामले हैं. हालांकि, यह 2018 में निर्वाचित होकर आए 24 दागी विधायकों से कम है.

एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में किए गए विश्लेषण में 90 विधेयकों में से 17 (19%) ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं. 2018 में 24 विधायकों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले और 13 विधायकों ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए थे.

रिपोर्ट के अनुसार, भाजपा के 54 विधायकों में से 12 और कांग्रेस के 35 विधायकों में से 5 ने हलफनामे में अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं, जबकि, भाजपा के 54 विजयी उम्मीदवारों में से 4 और कांग्रेस के 35 विजयी उम्मीदवारों में से दो ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज होने की घोषणा की है.

70 विधायक करोड़पति

एड़ीआर रिपोर्ट में विधायकों के आपराधिक पृष्ठभूमि के अलावा संपत्तियों की जानकारी दी गई है. रिपोर्ट के अनुसार, छत्तीसगढ़ के 90 नवनिर्वाचित विधायकों में से 72 करोड़पति हैं, जबकि 2018 में 68 विधायक करोड़पति थे. वर्तमान में 72 करोड़पति विधायकों में से भाजपा के 43 और कांग्रेस के 29 विधायक करोड़पति हैं.

भाजपा के विधायक ज्यादा अमीर

यही नहीं नवनिर्वाचित विधायकों की औसत संपत्ति 5.25 करोड़ रुपए है, जबकि 2018 में प्रति विधायक औसत संपत्ति 11.63 करोड़ रुपए थी. भाजपा के 54 विधायकों की औसत संपत्ति 5.70 करोड़ रुपए है, जबकि कांग्रेस के 35 विजेता उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 4.70 करोड़ रुपए है. वहीं गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के एकमात्र विधायक की औसत संपत्ति 26.03 लाख रुपए है.