काबुल। अफगानिस्तान में तालिबान के शासन के बाद बहुत सी चीजें बदल गई हैं. लड़कियों की पढ़ाई बंद हो गई, सार्वजनिक स्थानों पर घूमने-फिरने का तौर-तरीका बदल गया, मनोरंजन के कार्यक्रम पर पाबंदी लग गई. इन सबके बीच रोजगार पर खासा प्रभाव पड़ा है, जिसकी जद में पत्रकार भी आ गए हैं, जिन्हें टीवी चैनल में एकरिंग छोड़कर सड़क पर समोसा बेचना पड़ रहा है.

सोशल मीडिया (ट्वीटर) पर अफगानिस्तान का एक पोस्ट काफी वायरल हो रहा है, जिसमें एक शख्स सड़क किनारे चंद समोसे लेकर बेचने के लिए बैठा है. अफगानिस्तान नेशनल सिक्यूरिटी काउंसिल के पूर्व प्रोग्राम डायरेक्टर और प्रवक्ता कबीर हकमाल ने पत्रकारों की अफगानिस्तान में तालिबानी शासन में जिंदगी के नाम से ट्वीट करते हुए अफगानिस्तान टीवी चैनल में एंकर रहे मूसा मोहम्मदी की फोटो अटैच किया है, जिसमें वे एक तरफ टीवी चैनल में एंकरिंग करते नजर आ रहे हैं, तो दूसरी ओर सड़क किनारे समोसा बेचते नजर आ रहे हैं. कबीर कहते हैं कि गणराज्य के ढहने के बाद से अफगानिस्तान में अकल्पनीय गरीबी का शिकार है.

कबीर के इस ट्वीट को बड़ी संख्या में लोलोग रीट्वीट कर रहे हैं. ये ट्वीट इस्लामी अमीरात अफगानिस्तान के सांस्कृतिक आयोग के खुफिया और उप प्रमुख और राष्ट्रीय रेडियो और टेलीविजन के महानिदेशक अहमदुल्ला वसीक तक पहुंचा, जिस पर उन्होंने उर्दू में ट्वीट कर लिखा कि मूसा को रोजगार दिया जाएगा. उन्होंने लिखा कि राष्ट्रीय रेडियो ओर टेलीविजन में उन्हें रोजगार मिलेगा. मूसा को एक ट्वीट की वजह से नौकरी तो मिल गया, लेकिन मूसा जैसे अफगानिस्तान न जाने कितने पत्रकार हैं, जो तालिबानी जुल्म के शिकार हैं.