हरिओम श्रीवास,मस्तूरी (बिलासपुर)। छत्तीसगढ़ में लगातार दिनों-दिन गायों की मौत हो रही है. कसडोल में 13 गायों की मौत के बाद अब मस्तूरी में बछड़ों समेत 15 गायों की मौत हो गई है. जबकि अभी भी 6 गायों का इलाज चल रहा है. गायों की मौत की वजह चारा-पानी का नहीं मिल पाना है. यही वजह है कि भूख प्यास से मवेशियों की मौत में लगातार इजाफा हो रहा है. फिर भी इस ओर कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं. जबकि भूपेश सरकार ने गरवा योजना के तहत गौठानों का निर्माण करवाया गया था. लेकिन इसे पलीता लगाने में अधिकारी कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. वाहवाही लूटने के लिए गौठान का निर्माण तो कर दिए, लेकिन मवेशियों के लिये चारा का कोई व्यवस्था नहीं होने से मौत हो रही है.

15 गायों की मौत का पूरा मामला मस्तूरी जनपद क्षेत्र के ग्राम पंचायत लोहर्सि में स्थित गौठान का है. घटना गुरुवार की है. मृत गायों और बछड़ों का मांस कुत्ते दिन भर नोच कर खाते रहे. अधिकारी मौत की वजह की जांच कराने की बजाय अपनी गलतियों को छिपाते ज्यादा नजर आए. मीडिया और मुख्यमंत्री तक खबर ना पहुंचे इसलिए गायों को इधर उधर ट्रैक्टर से रखकर ठिकाने लगाते रहे. सुबह मृत मवेशियों का पोस्टमार्टम कर गौठान के पास ही खाली जमीन में दफना दी गई. जबकि प्रशासनिक आदेश के बाद से कृषि विभाग को गौठान में पशुओं की देखरेख के लिए जिम्मेदारी दी गई हैं. घटना की जानकारी मिलने के बाद जिला सीईओ रितेश अग्रवाल, मस्तूरी एसडीएम मोनिका वर्मा और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचकर जांच किया. मृत गायों की पोस्टमार्टम करवाकर रिपोर्ट लैब भेज दिया गया है.

खास बात यह है कि मरने वाली कई गायों ने तीन चार दिन पहले ही बच्चों को जन्म दिया था. मरने वाली संख्या में गायों के कई बच्चे भी शामिल हैं. प्रारम्भिक स्तर पर घटना में स्थानीय प्रशासन और जनपद पंचायत की लापरवाही सामने आ रही है. जानकारी के अनुसार सभी गाय गरीब किसानों के घर से लाकर गौठान में रखा गया था. जिला पंचायत पृथ्वीपाल के प्रयास से ही लोकार्पण के दिन गायों को घर-घर से इकठ्ठा किया गया था.

जिला पंचायत सीईओ रितेश अग्रवाल का कहना है कि मवेशियों की मौत भूख से हुई है. पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही उचित कार्रवाई की जाएगी. जबकि कृषि विभाग के कोई भी अधिकारी नहीं पहुचने उनका कहना है कि पशु विभाग मौजूद है. कार्रवाई को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया. वही जल्द ही चारा की व्यवस्था करवाने की बात कही है.

इस मामले में स्थानीय लोगों का कहना है कि गायों को गौठान उद्घाटन के दिन गरीब किसानों के घर से पृथ्वीपाल और सोन लोहर्सी महिला सरंपच के इशारे पर लाया गया था. गायों के मरने से किसान आक्रोशित है. ग्रामीणों की माने तो 25 से 30 मवेशी की मौत हुई है, लेकिन इस बात को छुपाया जा रहा है.

https://lalluram.com/video-cows-died-in-make-shift-shelter/