रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार की सुरक्षा के मद्देनजर सभी वाहनों में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट लगाने की कवायद पर ‘नौ दिन चले अढ़ाई कोस’ वाली कहावत सटीक बैठती है. छत्तीसगढ़ शासन के निर्देश के 10 महीने बाद तक प्रदेश के करीबन 80 फीसदी वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट (HSRP) नहीं लगा है. इस बीच पुलिस ने एक अक्टूबर से चालान काटने की तैयारी कर ली है.

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मिली जानकारी के अनुसार, छत्तीसगढ़ में 52 लाख 48 हजार 478 वाहन हैं. इनमें से अब तक सिर्फ 7 लाख 31 हजार वाहनों में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट लगाए जा सके हैं. वहीं 3 लाख 40 हजार नंबर प्लेट बनाने का ऑर्डर हुआ है. इस तरह से 45 लाख से ज्यादा वाहनों में HSRP नंबर प्लेट नहीं लगाए जा सके हैं.

जानकार बताते हैं कि जिन 7.31 लाख वाहनों में नंबर प्लेट लगे हैं, इनमें से 30 फीसदी ऐसे हैं, जिन्हें आरटीओ और ट्रैफिक पुलिस की टीम ने सड़क पर रोक-रोक फार्म भरवाया था. आरटीओ की ओर से 30 सितंबर तक हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट लगाने लोगों को अल्टीमेटम दिया गया है. अब अक्टूबर से जिन वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट नहीं लगा होगा इनका 1000 रुपए का चालान कटेगा, इसके साथ ही मौके पर एचएसआरपी के लिए फार्म भी भरवाया जाएगा.

रायपुर जिले की बात करें तो यहां 13 लाख 34 हजार पंजीकृत गाड़ियां हैं. इनमें से सिर्फ 2 लाख 36 हजार गाड़ियों में नंबर प्लेट लगाए जा सके हैं. वह करीब एक लाख लोगों ने नंबर प्लेट बनवाने के लिए आवेदन किया है. 10 महीने में सिर्फ 17 फीसदी वाहनों में नंबर प्लेट लगाए जा सके हैं.

6 हजार से ज्यादा वाहन 15 साल पुराने

छत्तीसगढ़ में 6 हजार से ज्यादा पंजीकृत वाहन ऐसे हैं, जो 15 साल पुराने हैं. इन वाहनों को स्क्रैप करने के निर्देश हैं. इन 6 हजार वाहनों में से 1200 दोपहिया हैं. 3 हजार से ज्यादा चारपहिया और शेष 1800 मालवाहक गाड़ियां हैं. रायपुर जिले की बात करें तो 300 से ज्यादा पंजीकृत वाहन 15 से ज्यादा पुराने हैं. वहीं शहर में ऐसे वाहन भी घूम रहे हैं, जो अपंजीकृत हैं.

वाहनों को स्क्रेप करने में भी पिछड़ा विभाग

रायपुर शहर में 15 साल पुराने वाहनों को स्क्रैप करने दो करोड़ की लागत से धनेली में प्लांट बनाया गया है. अब तक यहां सिर्फ 1 हजार वाहनों को स्क्रैप किया जा सका है. जबकि यहां 600 से ज्यादा वाहन स्क्रैप होने के लिए खड़े हैं. यानी की परिवहन विभाग पुराने वाहनों को स्क्रैप करवाने और एचएसआरपी लगवाने दोनों में पिछड़ता दिख रहा है.

चालकों को रोक-रोककर भरवाया फार्म

परिवहन विभाग और ट्रैफिक पुलिस की टीम ने मिलकर दो महीने तक एचएसआरपी को लेकर जागरूकता अभियान चलाया था. वाहन चालकों को सड़कों पर रोक-रोक कर एचएसआरपी के लिए फार्म भरवाया गया था. तब जाकर प्रदेशभर में 7 लाख लोगों ने वाहनों में एचएसआरपी लगवाया है.