सुरेंद्र जैन, धरसीवा। रायपुर-बिलासपुर हाइवे की सांकरा से सिमगा सिक्स लाइन किनारे एनएचएआई की जमीन पर रातों रात सैंकड़ों डंफर औद्योगिक राखड़ डंप कर दी गई और वर्तमान में भी यह क्रम जारी है। यह किसकी अनुमति से हुआ इसका जवाब किसी के पास नहीं है। बड़ा सवाल यह है की कहीं यह सब एनएचएआई की सिक्स लाइन किनारे की बेशकीमती जमीन को कब्जाने की कोई बड़ी साजिश तो नहीं।

इस प्रतिनिधि ने जब धरसीवा और चरोदा के बीच सिक्स लाइन किनारे का नजारा देखा तो सैंकड़ों डंफर औद्योगिक राखड़ एनएचएआई के लंबे भूभाग में डंप दिखी। सिक्स लाइन के उपर भी राखड़ होने से वाहनों के आते जाते समय राखड़ उड़कर दोपहिया चालकों की आंखों में चुभ रही थी, जिससे दुर्घटना की भी आशंका बनी हुई है।

फसलों पर भी मंडराया खतरा

भारी मात्रा में एनएचएआई की जमीन पर औद्योगिक राखड़ डंप होने से नालों के माध्यम से खेतों तक जाने वाला पानी भी लाल हो गया है यही केमिकल युक्त पानी जब खेतों में पहुंचेगा तो धान की फसल को भी बर्बाद करेगा।

निर्माण एजेंसी भी हलाकान

रातों रात एनएचएआई की जमीन पर फेंकी जा रही केमिकल युक्त औद्योगिक राखड़ से रायपुर बिलासपुर हाइवे की निर्माण एजेंसी पुंज लॉयड के कर्मचारी भी हलाकन हैं। सिक्स लाइन के उपर भी फेंकी जा रही राखड़ वाहनों के आते जाते और हवा के झोंके में उड़कर दोपहिया चालकों की आंखों में चुभ रही है। इससे कोई हादसा न हो जाए इसलिए उन्हें सिक्स लाइन से राखड़ की बार बार सफाई भी करानी पड़ रही है।

सिलतरा की नामी फैक्ट्री की है राखड़

सूत्रों से ज्ञात हुआ है की उक्त राखड़ सिलतरा औद्योगिक क्षेत्र की एक नामी फैक्ट्री का है। एक ओर जहां उक्त फैक्ट्री की राखड़ ठिकाने लगाने का काम चल रहा है तो वही दूसरी ओर राखड़ डंप कर जमीन का लेबल सिक्स लाइन के बराबर लाकर एनएचएआई की बेशकीमती जमीन को हड़पने की साजिश भी है।

एनएचएआई अधिकारी ने काट दिया काल

इस संबंध में इस प्रतिनिधि ने जब एनएचएआई के अधिकारी आईईएस प्रवीण को काल कर पूरी बात बताई और उनका इस मामले में पक्ष जानना चाहा तो उन्होंने काल कट कर दिया। इसके बाद पुनः उन्होंने काल रिसीव नहीं किया।