रायपुर. खैरागढ़ उपचुनाव में मिली जीत के बाद अब सदन में कांग्रेस विधायकों की संख्या बढ़कर 71 होने हो गई है. दंतेवाड़ा, चित्रकोट और मरवाही में हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने जबरदस्त प्रदर्शन कर तीनों सीटों में जीत हासिल की थी. अब कांग्रेस ने शानदार रिकॉर्ड बनाते हुए चौथे उपचुनाव को भी अपने पाले में कर लिया है. खैरागढ़ विधानसभा उपचुनाव परिणाम की तस्वीर भी साफ हो चुकी है. इसी के साथ अब सदन में कांग्रेस विधायकों की संख्या 71 हो जाएगी.

जानकार बताते हैं कि पार्टी को लगातार मिल रही ये जीत बताती है कि छत्तीसगढ़ की वर्तमान सरकार जनता का विश्वास जितने में सफल रही है. इन सबका श्रेय यदि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कार्यों को दिया जाए तो गलत नहीं होगा. पिछले 3 साढ़े 3 साल में भूपेश सरकार ने जनता के लिए जो काम किया है, जो योजनाएं लाईं हैं, उससे जनता काफी प्रभावित हुई है. क्योंकि ये सारी योजनाएं सीधे जनता से जुड़ी. चाहे हम कर्ज माफी की बात करें, समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की बात करें, या भूमिहीन मजदूरों की जेब में पैसे देने की बात करें, इन सब ने कहीं ना कहीं लोगों का भरोसा जीता है.

योजनाओं ने जनता को खींचा

जानकारों के मुताबिक सरकार की योजनाओं और घोषणा को यदि हम देखें तो कर्ज माफी से लेकर हालही में हुई पुरानी पेंशन योजना बहाली की घोषणा तक तमाम फैसलों ने लोगों की जेब में पैसा पहुंचाया है. ये सारे फैसले लोगों से जुड़े हुए रहे हैं. यही भूपेश सरकार के लिए मील का पत्थर साबित हुए हैं कि उन्होंने ना केवल नई योजनाएं लाईं, बल्कि जनता की जमीनी समस्याों पर भी फोकस करते हुए उन्हें हल किया. नतीजन कोरोना के भयावह दौर में भी छत्तीसगढ़ में कोई खास विपरीत असर नहीं पड़ा.

4 राज्यों के उपचुनावों में BJP चारो खाने चित्त

जिले की घोषणा साबित हुआ मास्टर स्ट्रोक

राजनीतिक पंडितों के मुताबिक चुनाव प्रचार अभियान के दौरान सीएम भूपेश द्वारा खैरागढ़ को नया जिला बनाने की घोषणा मास्टर स्ट्रोक साबित हुई. मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी कि 16 अप्रैल को परिणाम आएगा और 17 अप्रैल को खैरागढ़-छुईखदान-गंडई नया जिला बनेगा. इसके अलावा उन्होंने साल्हेवारा को तहसील बनाने की घोषणा की थी.

चित्रकोट से लेकर खैरागढ़ उपचुनाव तक का कच्चा-चिट्ठा

  • भूपेश सरकार के कार्यकाल में पहला उपचुनाव चित्रकोट में हुआ. जिसमें कांग्रेस ने जीत दर्ज की और राजमन बेंजाम नए विधायक चुने गए. यहां से तत्कालीन विधायक दीपक बैज ने सांसद चुनाव के लिए अपनी सीट छोड़ी थी. जिसके बाद यहां उपचुनाव हुए. कांग्रेस ने जीत हासिल की.
  • दूसरा उपचुनाव दंतेवाड़ा में हुआ. यहां पर भी कांग्रेस की दिग्गज विधायक देवती कर्मा ने बाजी मारी. यहां तत्कालीन विधायक भीमा मंडावी का नक्सल हमले में निधन हो गया था. जिसके बाद यहां उपचुनाव हुआ. कांग्रेस ने जीत हासिल की.
  • तीसरा उपचुनाव मरवाही विधानसभा सीट के लिए हुआ. यहां भी प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी और जेसीसीजे सुप्रीमो अजित जोगी के निधन से सीट खाली हुई थी. जिसमें कांग्रेस के केके ध्रुव ने शानदार जीत दर्ज की थी.
  • अब खैरागढ़ उपचुनाव में भी कांग्रेस प्रत्याशी यशोदा वर्मा ने 20 हजार से अधिक वोटों से किला फतेह कर लिया है. यानी लागातार चारों उपचुनाव कांग्रेस ने अपने पाले में कर लिया है.

सेमीफाइनल में पास हुई कांग्रेस

फिलहाल खैरागढ़ उपचुनाव का परिणाम आने के बाद अब ये कहा जा सकता है कि कांग्रेस ने सेमीफाइनल राउंड पार कर लिया है. चूंकि 2023 में छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव होने हैं, इसके मद्देनजर खैरागढ़ में कांग्रेस को मिली जीत पार्टी और कार्यकार्ताओं में उत्साहवर्धक का काम करेगी.

67 के मैंडेट से 71 पर

बता दें कि 2018 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने 67 का बहुमत लाकर रिकॉर्ड दर्ज किया था. वहीं बीजेपी को 15 सीटों से संतोष करना पड़ा था. इसके अलावा जेसीसीजे और बसपा गठबंधन के पाले में 7 सीटें आई थी. अब वर्तमान में कांग्रेस विधायकों की संख्या 71 हो गई है.