नई दिल्ली. साल का तीसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण 11 अगस्त को लगेगा. हालांकि इस बार आंशिक सूर्य ग्रहण होगा जो कि 3 घंटे 28 मिनट तक रहेगा. इससे पहले 15 फरवरी को साल 2018 का पहला सूर्य ग्रहण लगा था, जबकि दूसरा सूर्य ग्रहण 13 जुलाई को था. वहीं 27 जुलाई को सदी का सबसे लंबा चंद्र ग्रहण लगा था.
क्या होता है सूर्य ग्रहण?
पृथ्वी अपनी धुरी पर घूमने के साथ-साथ अपने सौरमंडल के सूर्य के चारों ओर भी चक्कर लगाती है. दूसरी ओर, चंद्रमा दरअसल पृथ्वी का उपग्रह है और उसके चक्कर लगता है, इसलिए, जब भी चंद्रमा चक्कर काटते-काटते सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है, तब पृथ्वी पर सूर्य आंशिक या पूर्ण रूप से दिखना बंद हो जाता है. इसी घटना को सूर्य ग्रहण कहा जाता है.
सूर्य ग्रहण का समय
इस बार का सूर्य ग्रहण भारतीय समयानुसार दोपहर 1 बजकर 32 मिनट से शुरू होकर शाम 5 बजे खत्म होगा. ग्रहणकाल का सूतक लगभग 12 घंटे पहले लगेगा. हालांकि अंतरराष्ट्रीय समय के अनुसार आंशिक सूर्य ग्रहण 8 बजकर 2 मिनट से शुरू होकर सुबह 11 बजकर 30 मिनट पर खत्म होगा.
कहां-कहां दिखाई देगा सूर्य ग्रहण?
इस बार आंशिक सूर्य ग्रहण होगा, जो कि पृथ्वी के उत्तरी गोलार्द्ध यानी कि उत्तरी यूरोप से लेकर पूर्वी एशिया और रूस में दिखाई देगा. भारत में साल के इस अंतिम सूर्य ग्रहण के दीदार नहीं होंगे.
बहराहल, सूर्य ग्रहण दुनिया के किसी भी कोने में दिखाई दे, हिन्दू धर्म में ग्रहण काल का विशेष महत्व होता है. मान्यताओं के अनुसार सूर्य ग्रहण से पहले ये 3 काम करने चाहिए:
1. सूर्य ग्रहण लगने से पहले दूध-दही जैसी चीजों में तुलसी के पत्ते डाल लें. मान्यता है कि ऐसा करने से इन चीजों में ग्रहण का असर नहीं होता है.
2. ग्रहण से पहले ही भोजन खा लें. साथ ही पके हुए भोजन को बचाए नहीं उसे खाकर खत्म कर दें.
3. अगर आपको आराम करना है तो ग्रहण से पहले ही कर लें.
सूर्य ग्रहण के समय न करें ये 4 काम
सूर्य ग्रहण में चंद्रमा सूर्य की किरणों को रोक देता है जिस वजह से ग्रहण लग जाता है. यानी कि जब तक चंद्रमा सूर्य की किरणों को धरती तक पहुंचने से रोके रखता है तब तक सूर्य ग्रहण लगा रहता है. जिस वक्त सूर्य ग्रहण लगा होता है उस अवधि को सूतक काल कहते हैं. प्राचीन मान्यताओं के अनुसार ग्रहण के समय कुछ काम ऐसे हैं जिन्हें करना वर्जित है:
1. मान्यता के अनुसार इस दौरान पूजा-पाठ और मूर्ति पूजा नहीं करनी चाहिए. ग
2. मान्यता है कि सूर्य ग्रहण के दौरान तुलसी और शामी के पौधे को नहीं छूना चाहिए.
3. ग्रहण काल के दौरान खाना खाने और पकाने की मनाही होती है.
4. मान्यता है कि ग्रहण के दौरान सोना नहीं चाहिए.
सूर्य ग्रहण के दौरान करें इन मंत्रों का जाप
सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य मंच, गायत्री मंत्र और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए.
सूर्य मंत्र: ॐ घृणि सूर्याय नम:||
गायत्री मंत्र: ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्||
महामृत्युंजय मंत्र: ॐ त्रयंबकं यजामहे, सुगन्धि पुष्टिवर्द्धनं, उर्वारुक्मिाव, बंधनात्, मृत्योंर्मुचीय मामृतात्||
सूर्य ग्रहण के बाद करें ये 3 काम
1. मान्यताओं के अनुसार ग्रहण खत्म होने बाद सबसे पहले स्नान करना चाहिए.
2. तुलसी और शामी के पौधों में गंगाजल का छिड़काव करें.
3. गरीबों और जरूरतमंदों को सामर्थ्य के अनुसार दान-दक्षिणा दें.