लखनऊ. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार हुई है. चुनाव से पहले कांग्रेस की रणनीति और तमाम कार्यक्रमों के विषय मे सभी अहम फैसले प्रियंका गांधी की टीम ले रही थी. इसके बावजूद हार का ठीकरा सबसे पहले प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू पर फूटा. अजय लल्लू ने दिल्ली में चल रही समीक्षा बैठक के दौरान ही प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्देश का पालन करेंगे. हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हैं.
दिल्ली में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की उपस्थिति में यूपी चुनाव में हार के कारणों की समीक्षा की गई. तीन घंटे चली बैठक में सभी प्रमुख नेताओं ने बारी-बारी से अपनी बात रखी. प्रदेश अध्यक्ष और उपाध्यक्षों के अलावा प्रमोद कृष्णम, राजीव शुक्ला, संजय कपूर, प्रदीप माथुर और प्रमोद तिवारी समेत कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेताओं ने हिस्सा लिया.
अजय कुमार लल्लू ने कहा कि हमने मुद्दों की राजनीति की. समीक्षा बैठक अच्छी रही. जो कमियां रही उसे दुरुस्त करने की सलाह सब ने दी. लल्लू ने यूपी चुनाव में हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है. उत्तर प्रदेश में खराब प्रदर्शन के बाद भी कांग्रेस संघर्ष से पीछे नहीं हटेगी. राज्य की प्रभारी महासचिव प्रियंका गांधी ने नेताओं और पदाधिकारियों से 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटने को कहा है. प्रियंका ने समीक्षा बैठक के दौरान खुद पार्टी की हार की जिम्मेदारी ली.
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बैठक में प्रियंका गांधी ने कहा कि हार से हताश होने की जरूरत नहीं है. इससे सबक लेकर आगे बढ़ने की अवश्यकता है. कांग्रेस के सभी प्रमुख नेताओं ने जो बातें रखीं उसका लब्बोलुआब यही था कि यूपी चुनाव में मतदाता दो हिस्सों में बंटा. एक वो जो भाजपा को हटाना चाहते थे और दूसरे वो जो भाजपा को बचाना चाहते थे. भाजपा को हटाने वाले वोटरों ने कांग्रेस से अच्छा विकल्प सपा को माना. कांग्रेस ने जनता के मुद्दों पर लगातार जुझारू ढंग से संघर्ष किया, लेकिन कहीं न कहीं जनता का भरोसा जीतने में कमी रह गई. अजय लल्लू के त्यागपत्र के बाद प्रियंका गांधी ने उनके कार्यकाल में हुए संघर्षों और कार्यों की तारीफ भी की.