सुप्रिया पाण्डेय, रायपुर। सगाई टूटने के एक मामले में महिला आयोग के हस्तक्षेप के बाद दोनों पक्ष हुए खर्च को आपस में बांटने के साथ ही एक दूसरे को दिये सामान भी वापस करेंगे। इसके साथ ही एक औऱ मामले में जोन कमिश्नर ने महिला पार्षद से माफी मांग ली है। महिला आयोग में इन दोनों मामलों के साथ ही कुल 21 मामलों की सुनवाई पूरी हुई।

महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक ने आयोग में चल रही सुनवाई को लेकर बताया कि रायपुर में दुर्ग जिले के 6 केस ट्रांसफर हो गए हैं और हर जिले में रेगुलर सुनवाई नहीं हो पा रही है। कुल 21 मामलों की सुनवाई हुई, कई मामले में पक्षकार, दोनों पक्ष उपस्थित नहीं हो पाए हैं। इसके साथ ही एक सगाई जो टूटी है, उसमें दोनों पक्ष सगाई का खर्च और सामग्री आपस में एक दूसरे को वापस कर देंगे।

उन्होंने कहा कि एक मामला है जिसमें तिल्दा की एक महिला पार्षद थी जिसको धरने पर बैठना पड़ा था और उसके खिलाफ जोन कमिश्नर ने गलत व्याख्यान दिया था और परेशान करने के लिए नोटिस भेजा था। इन सब मामलों में जोन कमिश्नर को अपनी गलती का एहसास हुआ और उन्होने माफी मांगी। पार्षद ने भी उन्हें माफ कर दिया।

किरणमयी ने कहा कि एक और मामला था जिसमें महिला ठेकेदार बता रही थी भुगतान नहीं मिल रहा है, पर हकीकत यह है कि विभागीय कार्य में यदि आप लापरवाही आप करते हैं और आपको भुगतान नहीं मिलता तो आप उसके लिए महिला आयोग में आकर एडवांटेज नहीं ले सकते तो ऐसे प्रकरण को निरस्त भी किया गया है। इस तरह के एक और प्रकरण सामने आए थे। एक और मामला सगाई टूटने का है जिसका सेटलमेंट होगा।