संदीप भम्मरकर, भोपाल। मध्य प्रदेश में अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल को लेकर राज्य सरकार सख्त हो गई है. पहले सरकार के मान मनौवल और फिर हाईकोर्ट की फटकार के बाद भी काम पर वापस न जाने पर अब राज्य सरकार ने जूनियर डॉक्टर्स (जूडा) को उनका एग्रीमेंट याद दिलाया है. तकनीकि शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार विभाग ने राजपत्र जारी करते हुए स्पष्ट किया है कि जूडा के इस्तीफा देने के बाद बड़ा जुर्माना लगेगा.
बता दें कि सरकार के जारी आदेश के मुताबिक 2018-19 में एडमिशन लेने वाले जूनियर डॉक्टर्स को 10 लाख रूपए एवं 2020 में एडमिशन लेने वालों को 30 लाख रूपए का जुर्माना देना होगा. जबकि प्राइवेट डेंटल या मेडिकल कॉलेज के छात्रों को पूरे कोर्स की फीस देनी होगी. वहीं हाईकोर्ट के आदेश के बाद प्रदेश भर में जूनियर डॉक्टर्स के इस्तीफे का दौर शुरु हो गया. जानकारी के मुताबिक 3 हजार से ज्यादा जूनियर डॉक्टरों ने इस्तीफा दे दिया है.
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हाईकोर्ट के अल्टीमेटम के बाद भी जनियर डॉक्टरों की हड़ताल अभी भी जारी है, जूनियर डॉक्टरों के समर्थन में सीनियर डॉक्टर्स भी सामने आ गए हैं. जबलपुर में आज से सीनियर डॉक्टर्स भी हड़ताल पर जाएंगे. सरकार और जूडा के बीच में चल रहा ये गतिरोध अगर दूर नहीं हुआ तो इससे हालात और ज्यादा बिगड़ सकते हैं.
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ये है मांगें
- सरकार की ओर से 6% सालाना मानदेय बढ़ाने का वायदा पूरा किया जाए
- जूनियर डॉक्टरों के इलाज की बेहतर व्यवस्था की जाए
- कोरोना के दौरान प्रति महीने 10 हज़ार रुपये मानदेय देने का वायदा पूरा किया जाए
- जूनियर डॉक्टर्स को ग्रामीण सेवा के बंधन से मुक्त किया जाए
- कोरोना काल में सेवा के लिए प्रशस्ती पत्र दिया जाए जिसका फायदा सरकारी भर्तियों में मिले
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