डब्बू ठाकुर, कोटा. रंजिसन विवाद के चलते एक परिवार को उसी के परिवार के लोगों ने सामाजिक बहिष्कार कर दिया था. मामला कोटा थाना अतंगर्त ग्राम शिवतराई गांव का है. जहां शनिवार को एक बुजुर्ग महिला की मौत हो गई. मौत के बाद गांव का कोई भी सदस्य मृतक के घर नहीं पहुचे. जिसंकी सूचना कोटा थाना में दी गई. मौके पर पहुंचे एसडीओपी अभिषेक सिंह थाना प्रभारी कृष्णा पाटले, बिलासपुर से सामजिक कार्यकर्ता प्रियंका शुक्ला ने मृतका का अंतिम संस्कार कराया.
शादी के अफवाह फैला कर, परिवार से किया था बहिष्कार
शिवतराई गांव की निवासी मृतक जगौतीन बाई पोर्ते की भतीजी के शादी की अफवाह फैला, उसी के रिस्तेदारों के द्वारा फैलाई गई थी. जिसके बाद सामाजिक बहिष्कार करने वाले रुढिवादियों ने उसके घर पर पोस्टर चिपकाये थे. साथ ही मृतका के परिवार वालों को पानी से लेकर रास्ता तक में पाबंदी लगा दिया गया था. मृतका जगौतीन बाई पोर्ते की भतीजी ने बताया कि बीते कई वर्षों से यहां के लोगों के द्वारा परेशान किया जा रहा है. साथ ही कई प्रकार की पाबंदियों के कारण घर में कैदी के रुप में जीवन जीने के लिए विवस कर दिया है.
पुलिस और सामाजिक कार्यकर्ता बने सहारा
रुढिवादी विचार धारा के लोगों के द्वारा आये दिन, मृतका के परिजनों को परेशान करने से सदमें में उसकी मौत हो गई. मौत के बाद 24 घंटे तक उसके घर में कोई नहीं पहुंचा. जब इस बात की भनक थाना प्रभारी को लगी तो, मौके पर टीम के आकर, अंतिम संस्कार के लिए कफन से लेकर पूरी व्यवस्था कराया. इसके साथ ही बिलासपुर के एक संस्थान के कार्यकर्ता के साथी सखी सेंटर के भी कार्यकर्ता मौजूद रहे.
थाने में शिकायत के बाद भी नही की गई कार्रवाई
पीडिता सुनीता पोर्ते ने बताया कि परिवार के सदस्यों के साथ ग्रामीणों के इस दुर्व्यवहार की शिकायत उसने थाने में दर्ज कराई थी. मगर थाने से किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई. शादी का गलत अफवाह फैलाने वाले दोषी आज भी खुले आम घूम रहे है. वहीं घटना के बाद सुनीता पोर्ते सदमें में चली गई है. हलांकि मौके पर आये अधिकारियों ने पीडित परिवार को दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आश्वसन दिया है.
रुढिवादी का दंष अभी भी कायम
शासन के द्वारा जहां शिक्षा के साथ सामाजिक सरोकार के लिए तरह-तरह की योजनाये चलाई जा रही है. इसके बावजूद भी समाज के कुछ रुढिवादी लोगों के द्वारा गलत तथ्यों को पेश करके लोगों के साथ दुर्व्यवहार कर रहे है. पुलिस प्रशासन के लाचार रवैये के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोग आज भी इसकी चेपट में है.