नई दिल्ली। एक तरफ तो एनडीए से टीडीपी बाहर हो गई है. जिसके कारण उसके लिए मुश्किलें खड़ी हो गई हैं. तो वहीं एनडीए के लिए एक और अलर्ट के रूप में सामने आई है लोक जनशक्ति पार्टी. एक तो अगले साल लोकसभा चुनाव हैं, ऊपर से अभी से भाजपा की सहयोगी पार्टियों ने आंखें तरेरनी शुरू कर दी हैं.

बिहार की लोक जनशक्ति पार्टी के नेता रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान ने बड़ा बयान दिया है. चिराग ने कहा कि बिहार के उपचुनाव एनडीए के लिए कोई भी चिंता का सबब नहीं हैं. लेकिन गोरखपुर में बीजेपी की हार एक चिंता का विषय है, क्योंकि वो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का क्षेत्र है और यूपी और केंद्र में बीजेपी बहुमत के साथ है. चिराग बोले कि बीजेपी को एनडीए की रणनीति को लेकर दोबारा विचार करना पड़ेगा.

चिराग पासवान ने कहा कि इस समय गठबंधन चिंता का विषय है. हमें इस बात पर विचार करना होगा कि हम क्यों एक के बाद एक उपचुनाव हार रहे हैं. चिराग बोले कि सहयोगी अपनी चिंताएं रख रहे हैं, लेकिन कोई भी इन बातों को गंभीरता से नहीं ले रहा है. हालांकि चिराग ने ये जरूर कहा कि अभी हम एनडीए के साथ ही हैं, 2019 में एनडीए में रहकर ही चुनाव लड़ेंगे.

कई सहयोगियों से एनडीए को खतरा

सबसे बड़ी बात तो ये है कि मांझी और टीडीपी एनडीए से बाहर जा चुके हैं. शिवसेना पहले ही कह चुकी है वो 2019 का चुनाव भाजपा के साथ नहीं लड़ेगी. चिराग पासवान ने कहा कि सोनिया गांधी के नेतृत्व में विपक्ष की 20 पार्टियां एक हो रही हैं. हम एनडीए के साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे, लेकिन सभी सहयोगियों पार्टियों का सम्मान हो.

गौरतलब है कि मोदी सरकार को करारा झटका तेलगु देशम पार्टी यानि टीडीपी ने दिया है. दरअसल आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने एनडीए से अलग होने का ऐलान कर दिया है. आंध्रप्रदेश को विशेष दर्जा ना मिलने से नाराज़ टीडीपी ने आज सुबह ये बड़ा फैसला लिया. कुल मिलाकर टीडीपी ने एनडीए से समर्थन वापस ले लिया है.

 गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले आंध्रप्रदेश को विशेष दर्जा नहीं मिलने से नाराज़ टीडीपी कोटे के मंत्रियों ने केंद्र सरकार से इस्तीफा दे दिया था. वहीं बीजेपी कोटे के मंत्रियों ने राज्य सरकार से अपना इस्तीफा दे दिया था.
बता दें कि कल टीडीपी प्रमुख और मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने विधानसभा में कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आंध्र प्रदेश के साथ अन्याय किया है. उन्होंने अपनी प्रतिद्वंद्वी वाईएसआर कांग्रेस द्वारा नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस देने के कुछ घंटे बाद कही. वाईएसआर कांग्रेस ने ये कदम केंद्र के आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने से मना करने के बाद उठाया है.