नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में इस साल भी कांवड़ यात्रा का आयोजन नहीं किया जाएगा. यह ऐलान इसका आयोजन करने वाले कांवड़ संघ ने किया है. शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने योगी आदित्यनाथ सरकार को सोमवार तक का समय देते हुए कहा था कि कोरोना कहर के दौरान इसके आयोजन के फैसले पर दोबारा विचार किया जाए. इसके बाद यूपी सरकार ने कांवड संघ से बातचीत कर यूपी में कांवड़ यात्रा रद्द करने का फैसला किया है.

यूपी में भी कांवड़ यात्रा पर लगी रोक

उत्तर प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को कहा था कि वह कोविड की स्थिति को ध्यान में रखते हुए ”कांवड़ संघों” से बात कर रही है और कांवड़ यात्रा को लेकर सरकार का प्रयास है कि धार्मिक भावनाएं भी आहत न हों और महामारी से बचाव भी हो जाए.

उत्तर प्रदेश के पड़ोसी राज्य उत्तराखंड ने मंगलवार को ही कांवड़ यात्रा रद्द कर दी थी. इसके साथ ही 24 जुलाई से कांवड़ियों के लिए राज्य की सीमा बंद करने का फैसला भी किया गया है. उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने यह बताया. उत्तराखंड सरकार ने राज्यों को हरिद्वार से टैंकरों के जरिए गंगा जल ले जाने की मंजूरी दी है.

सुप्रीम कोर्ट ने कांवड़ यात्रा मामले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए यूपी सरकार और केंद्र से जवाब मांगा था. यूपी सरकार ने कोर्ट को बताया था कि प्रतिकात्मक यात्रा का आयोजन किया जाएगा, और जिन श्रद्धालुओँ को कोरोना वैक्सीन लग चुकी है, उन्हें ही इसमें हिस्सा लिया जाएगा. केंद्र सरकार ने धार्मिक आस्था बताते हुए कांवड़ यात्रा का विरोध नहीं किया था.

हर साल करीब 30 लाख कांवड़िए उत्तर भारत की अलग-अलग जगह से चलकर हरिद्वार से गंगाजल लाकर अपने-अपने क्षेत्रों में स्थित शिव मंदिरों में चढ़ाते हैं.

हिंदू कैलेंडर के अनुसार श्रावण के महीने की शुरुआत के साथ शुरू होने वाली पखवाड़े की यात्रा अगस्त के पहले सप्ताह तक चलती है और उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली सहित पड़ोसी राज्यों से हरिद्वार में कांवड़ियों का एक बड़ा जमावड़ा होता है. पिछले साल कांवड़ संघों ने सरकार के साथ बातचीत के बाद खुद ही यात्रा स्थगित कर दी थी.

देखिए वीडियो-

read more- Corona Horror: US Administration rejects India’s plea to export vaccine’s raw material

दुनियाभर की कोरोना अपडेट देखने के लिए करें क्लिक