रायपुर. पाटन के पत्रकार नारायण लाल शर्मा का एक पत्र वायरल हो रहा है जिसमें पाठक ने बिलासपुर के पूर्व एसपी राहुल शर्मा की जांच के लिए एसआईटी के गठन की मांग की थी. हालांकि ये पत्र दिसंबर 2019 को लिखा गया था. एक्टर सुशांत शर्मा की आत्महत्या के बाद एक बार फिर से इस पत्र का हवाला देकर राहुल शर्मा के इंसाफ की मांग की जाने लगी है.

दिल्ली के कई पत्रकारों ने भी राहुल शर्मा की मौत की जांच की फाइल फिर से खोलने की मांग की है. गौरतलब है कि साल 2012 में बिलासपुर एसपी के पद पर पदस्थ राहुल शर्मा ने सर्विस रिवाल्वर से खुद के सिर में गोली मार ली थी. जिससे उनकी मौत हो गई थी. मामला सामने आने के बाद पूरे देश में जमकर हंगामा हुआ था. तब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल विपक्ष में थे. उन्होंने भी राहुल शर्मा के लिए इंसाफ की मांग की थी. हालांकि सत्ता में आने के बाद उन्होंने इस मसले पर कुछ नहीं बोला.

इस मामले रमन सिंह सरकार ने सीबीआई जांच कराई. सीबीआई ने जांच के बाद क्लोज़र रिपोर्ट लगा दी थी. सीबीआई ने इस रिपोर्ट में कहा था कि राहुल शर्मा ने उकसावे में आकर आत्महत्या की हो, इस बात का कोई सबूत नहीं मिलता कि किसी उकसावे में आकर उन्होंने आत्महत्या की हो. हालांकि सीबीआई ने माना था कि तात्कालीन आईजी जीपी सिंह अतिक्रमण करके एसपी राहुल शर्मा के अधिकार क्षेत्र को कमतर कर रहे थे.

मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में आरोप लगाया गया है कि राहुल शर्मा ने अपने सुसाइड नोट में अपने तात्कालीन वरिष्ठ अधिकारी जीपी सिंह पर प्रताड़ना का आरोप लगाया था. पत्र के मुताबिक सीबीआई के अधिकारियों ने जीपी सिंह के खिलाफ विभागीय जांच की अनुशंसा की थी.

पत्र में राहुल शर्मा के परिजनों, सुरक्षा गार्डों, कुक, ड्राइवर और पुलिस विभाग के जांच अधिकारियों के नार्को टेस्ट की मांग की गई है. पाटन के इस पत्रकार  के पत्र के वायरल होने के बाद दिल्ली और देश के कई पत्रकारों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मांग की थी कि वे इस मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन करें. लेकिन बघेल सरकार ने इस पर कोई फैसला नहीं लिया है.