Agni Prime Missile Successfully Test From Train: रक्षा के क्षेत्र में अपने को अपडेट करते हुए भारत ने 24 सितंबर की रात बड़ा कमाल कर दिखाया। भारत ने रात रेल पर बने ‘रेल मोबाइल लॉन्चर’ (Rail Mobile Launcher) सिस्टम के जरिए अग्नि-प्राइम मिसाइल (Agni-Prime missile) की सफल टेस्टिंग की। यह परीक्षण ओडिशा के चांदीपुर टेस्ट रेंज से रेल आधारित मोबाइल लॉन्चर से किया गया। यह मिसाइल 2000 किलोमीटर दूर तक निशाना मार सकती है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसे राष्ट्रीय गौरव बताया। इसके लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने DRDO को बधाई दी।
स टेस्ट ने भारत को उन चुनिंदा देशों के ग्रुप में शामिल कर दिया है जिनके पास रेल नेटवर्क से मिसाइल लॉन्च करने वाला कैनिस्टराइज्ड लॉन्चिंग सिस्टम है।भारत से पहले रूस, चीन और नॉर्थ कोरिया मोबाइल रेल लॉन्चर का टेस्ट कर चुके हैं। लिस्ट में अमेरिका का नाम भी शामिल है, लेकिन उसने पुष्टि कभी नहीं की है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को एक्स पोस्ट के जरिए अग्नि प्राइम मिसाइल को लेकर जानकारी दी। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा- भारत ने रेल आधारित मोबाइल लॉन्चर प्रणाली से मध्यम दूरी की अग्नि-प्राइम मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। यह अगली पीढ़ी की मिसाइल लगभग 2000 किलोमीटर तक की दूरी तक मार करने में सक्षम है और इसमें कई उन्नत विशेषताएं शामिल हैं। पहली बार इस प्रकार का परीक्षण विशेष रूप से तैयार किए गए रेल आधारित मोबाइल लॉन्चर से किया गया है।
रक्षा मंत्री ने DRDO को सफल परीक्षण के लिए बधाई देते हुए आगे लिखा कि’DRDO, स्ट्रैटेजिक फोर्सेज कमांड (SFC) और सशस्त्र बलों को अग्नि-प्राइम मिसाइल के सफल परीक्षण पर हार्दिक बधाई। इस सफल परीक्षण ने भारत को उन चुनिंदा देशों की श्रेणी में शामिल कर दिया है, जो रेल प्रणाली से मिसाइल लॉन्च की क्षमता रखते हैं।

चलिए जानते हैं कि रेल लॉन्चर से परीक्षण क्यों इतना खास है?
रेल लॉन्चर एक खास ट्रेन जैसा सिस्टम है, जो रेल की पटरियों पर चलता है। इसमें मिसाइल को कैनिस्टर (बंद बॉक्स) में रखा जाता है। यह ट्रेन चलते-चलते मिसाइल दाग सकती है। पहले मिसाइलें फिक्स्ड साइट्स या ट्रक से लॉन्च होती थीं, लेकिन रेल लॉन्चर दुश्मन को चकमा दे सकता है।

- रेंज: 1000 से 2000 किलोमीटर तक मार करने में सक्षम
- कैनिस्टराइज्ड मिसाइल: मिसाइल हमेशा कैनिस्टर (डिब्बा नुमा कंटेनर) में रखी जाती है, जिससे इसे आसानी से ट्रांसपोर्ट किया जा सकता है और तुरंत लॉन्च किया जा सकता है।
- डुअल स्टेज सॉलिड फ्यूल: इसमें दो स्टेज का ठोस ईंधन इस्तेमाल होता है, जिससे तेज़ी और भरोसेमंदी दोनों बढ़ती है।
- रेल और रोड से लॉन्च क्षमता : आज का परीक्षण पहली बार रेल आधारित मोबाइल लांचर से हुआ है। इससे इसे कहीं भी ले जाकर दागा जा सकता है।
- एडवांस्ड गाइडेंस सिस्टम : इसमें अत्याधुनिक इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम और सैटेलाइट गाइडेंस है, जो लक्ष्य पर सटीक मार करने में सक्षम है।
- हल्की और कॉम्पैक्ट : यह पुराने अग्नि-1 और अग्नि-2 मिसाइलों से ज्यादा हल्की, आधुनिक और तकनीकी रूप से उन्नत है।
अब जानिए अग्नि प्राइम मिसाइल के बारे में..
भारत ने जून 2021 में अग्नि सीरीज की आधुनिक मिसाइल का अग्नि प्राइम का परीक्षण किया था। अग्नि प्राइम की रेंज 2000 किमी है। यह मिसाइल परमाणु हथियार ले जाने में भी सक्षम है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) की मिसाइल वजन में हलकी है और इसे मोबाइल लॉन्चर से भी फायर किया जा सकता है। अग्नि प्राइम मिसाइल दो स्टेज प्रोपल्शन सिस्टम से चलती है और सॉलिड फ्यूल पर आधारित है। इसका गाइडेंस सिस्टम इलेक्ट्रोमैकेनिकल एक्ट्यूएटर्स से लैस हैं। अग्नि प्राइम को 4 हजार किमी रेंज वाली अग्नि-4 और 5 हजार किमी रेंज वाली अग्नि-5 की टेक्नोलॉजी के साथ तैयार किया गया है।
अग्नि-प्राइम मिसाइल के फायदे
इस मिसाइल को एक बड़े कैनिस्टर में रखा जाता है, जो काफी मजबूत होता है। कैनिस्टर से मिसाइल को बिना लंबी तैयारी के सीधे दागा जा सकता है. इस पर मौसम का भी कोई खास असर नहीं पड़ता है। इस मिसाइल के बार-बार मेंटेनेंस की जरूरत भी नहीं पड़ती है। ऐसा इसलिए क्योंकि यह पैक रहेगी। इस नई तकनीक से सेना को फायदा यह होगा कि मिसाइल को देश में कहीं भी रेल नेटवर्क के जरिए ले जाकर बहुत कम समय में लॉन्च किया जा सकता है। इससे दुश्मन को पता भी नहीं चलेगा और भारत तुरंत जवाब देने में सक्षम होगा।
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