नई दिल्ली. छत्तीसगढ़ में धान के बीमा भुगतान में आ रही समस्याओं का शीघ्र निराकरण किया जाएगा. आज नई दिल्ली के कृषि भवन में केन्द्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह और छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के बीच उच्च स्तरीय बैठक हुई. जिसमें केंद्रीय कृषि मंत्री ने इस संबंध में अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे राज्य की कृषि से जुड़ी सभी समस्याओं का निराकरण करें. इस दौरान अग्रवाल ने छत्तीसगढ़ मे 24 जनवरी से 28 जनवरी तक चलने वाले अंतरराष्ट्रीय कृषि मेले का आमंत्रण केंद्रीय कृषि मंत्री व राज्य मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत को दिया, जिसे उन्होने सहर्ष स्वीकार किया.
अग्रवाल ने केंद्रीय कृषि मंत्री से राज्य के विभिन्न लंबित विषयों पर चर्चा की. राज्य के तीन जिलों बालोद, सुकमा, कोण्डागाॅव में नवीन कृषि विज्ञान केन्द्रों की स्वीकृति के संबंध में केंद्रीय कृषि मंत्री ने आश्वस्त किया कि जैसे ही इन जिलों में भूमि आवंटन के पत्र प्राप्त होते हैं तत्काल ही नवीन कृषि विज्ञान केन्द्रों की स्वीकृति केंद्र से दे दी जाएगी. मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए नील क्रांति योजना में छत्तीसगढ़ को केन्द्र से मिलने वाली आवश्यक राशि के शीघ्र भुगतान का भी आग्रह अग्रवाल ने केंद्रीय कृषि मंत्री से किया.
अग्रवाल ने राज्य में कृषि मशीनरी प्रशिक्षण एवं परीक्षण संस्थान की स्थापना किए जाने के अलावा राष्ट्रीय कृषि बीमा के तहत छूटे हुए पात्र कृषकों को भुगतान की गई बीमा की राशि में केद्रांश की राशि राज्य को शीघ्र जारी किए जाने का भी आग्रह केद्रीय मंत्री से किया.
अग्रवाल ने बताया की एकीकृत बागवानी मिशन छत्तीसगढ के 27 जिलों मे से 19 जिलों मे लागू है. उन्होनें केंद्र से कहा कि राज्य के शेष आठ जिलों जिनमें जांजगीर-चांपा, महासमुंद, धमतरी, कांकेर, नारायणपुर, बीजापुर, सुकमा एवं दंतेवाडा़ में भी इस योजना को लागू किया जाए.
बृजमोहन अग्रवाल ने केंद्रीय कृषि मंत्री को बताया कि राष्ट्रीय खाद्य मिशन योजना में राज्य में होने वाले गन्ने की फसल को वाणिज्य फसल के रूप में शामिल नहीं किया गया हैं. उन्होंने आग्रह किया कि केंद्र प्रवर्तित खाद्य मिशन योजना में जिस प्रकार चावल, दलहन एवं लघु धान्य की फसलों को वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है, उसी प्रकार गन्ने की फसल को भी वित्तीय सहायता प्रदान की जाए.