Agro terrorism in US: अमेरिका में ‘एग्रो टेररिज्म’ या कहें ‘कृषि आतंकवाद’ का खुलासा हुआ है। इस खुलासे ने पूरे विश्व में सनसनी मचा दी है। अमेरिका में दो चीनी नागरिकों को ‘एग्रो टेररिज्म’ के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। इनके पास से खतरनाक फंगस जब्त किया गया है। अमेरिका की जांच एजेंसी एफबीआई ने दोनों चीनी नागरिक को गिरफ्तार किया है। इसमें में चीनी महिला साइंटिस्ट है। वहीं उसका बॉयफ्रेंड भी पकड़ में आया है। दोनों के नाम यून्किंग जियान और जुनयोंग लियू है। दोनों की गिरफ्तारी के बीच कृषि आतंकवाद की खूब चर्चा हो रही है।

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मंगलवार को अमेरिका के जस्टिस डिपार्टमेंट की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया कि दोनों चीनी नागरिकों ने अमेरिका में ‘फ्यूजेरियम ग्रैमिनीरम’ नामक रोगाणु कवक की तस्करी की है। इसे वैज्ञानिक कृषि आतंकवाद का हथियार बताते हैं।

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अधिकारियों ने बताया कि जियान और उसके बॉयफ्रेंड लियू को कथित तौर पर अपने रिसर्च के लिए चीनी सरकार से फंडिंग मिल रही थी। बयान में कहा गया कि लियू एक चीनी यूनिवर्सिटी में काम करता है और वहीं पर वो फ्यूजेरियम ग्रैमिनीरम पर रिसर्च कर रहा है। पूछताछ के दौरान उसने पहले तो झूठ बोला और फिर स्वीकार किया कि ग्रैमिनीरम को डेट्रॉयट मेट्रोपॉलिटन हवाई अड्डे के जरिए वो अमेरिका लेकर आने वाला था। वो मिशिगन यूनिवर्सिटी की लैब में इस पर रिसर्च करना चाहता था जहां उसकी गर्लफ्रेंड जियान काम करती था। माना जा रहा है कि दोनों चीनी नागरिक चीन की सत्ताधारी कम्यूनिस्ट पार्टी से जुड़े हुए हैं। चीनी नागरिकों के खिलाफ दायल हलफनामे के मुताबिक, 27 जुलाई, 2024 को लियू ने अमेरिका में एंट्री ली थी।

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फ्यूजेरियम ग्रामिनेरियम नामक खतरनाक फंगस के साथ गिरफ्तार

एफबीआई के मुताबिक, उन दोनों ने फ्यूजेरियम ग्रामिनेरियम (Fusarium graminearum) नामक खतरनाक फंगस चीन से अमेरिका में तस्करी की थी। यह ऐसा फंगस है, जो फसलों में रोग पैदा करके इन्हें बर्बाद कर देता है। इसे एग्रीकल्चर टेररिज्म वेपन के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। कुल मिलाकर कहा जाए तो इस खतरनाक फंगस को जैविक हथियार यानी बायो वेपन के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। जिन दो लोगों को इसके साथ अरेस्ट किया गया है, उनके नाम हैं- युनकिंग जियान (33 साल) और जुनयोंग लियू (34 साल)य़ इन दोनों चीनी नागरिकों पर मिशिगन कमें साजिश, फंगस की तस्करी, झूठे बयान और धोखाधड़ी का आरोप है। अमेरिका में एग्रो टेररिज्म की इस घटना से लोगों के मन में उत्सुकता जग गई है। सब जानना चाहते हैं कि आखिर ये एग्रो टेररिज्म वास्तव में क्या है, यह खतरनाक फंगस यानी फ्यूजेरियम ग्रामिनेरियम क्या है और कितना खतरनाक है, जिसे वे चीन से अमेरिका लाया गया था।

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कृषि आतंकवाद क्या है?

सरल शब्दों में कहें तो जैविक एजेंटों का इस्तेमाल करके फसलों को नष्ट करने के लिए खेतों को हथियार बनाना ‘कृषि-आतंकवाद’ कहलाता है। जिन देशों की अर्थव्यवस्था खेती पर निर्भर है, उनके लिए इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। इसका मकसद किसी देश की अर्थव्यवस्था को तबाह करना और सामाजिक अशांति पैदा करना है। इस आतंकवाद में पकड़े जाने की संभावना भी बिल्कुल कम होती है और इसकी लागत कम, प्रभावशीलता ज्यादा है। सबसे बड़ी बात यह कि इस तरह के जैविक हमलों के खिलाफ आपराधिक सजा देने के लिए कोई अंतरराष्ट्रीय कानूनी ढांचा मौजूद नहीं है। इस तरह के जैविक हथियारों के इस्तेमाल की बात नई नहीं है बल्कि इसके मामले पहले भी दिखते रहे हैं।

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अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक, फंगस फ्यूजेरियम ग्रामिनेरियम एक संभावित एग्रो टेररिज्म हथियार है और यह अरबों डॉलर के नुकसान का कारण बन सकता हैय़ वैज्ञानिक अध्ययन बताते हैं कि फ्यूजेरियम ग्रामिनेरियम को गिब्बेरेला जी भी कहा जाता है।

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क्या है फ्यूजेरियम ग्रैमिनीरम

फ्यूजेरियम ग्रैमिनीरम एक बायोलॉजिकल पैथोजेन यानी जैविक रोगाणु है। जैविक रोगाणु एक तरह के सूक्ष्मजीव होते हैं जो इंसानों, पशुओं और पौधों सहित अन्य जीवित जीवों में रोग पैदा कर सकते हैं या उन्हें हानि पहुंचा सकते हैं। फ्यूजेरियम ग्रैमिनियरम एक हानिकारक कवक है जो गेहूं, जौ, जई और मकई जैसी अनाज की फसलों को संक्रमित करता है। यह फसलों में फ्यूजेरियम हेड ब्लाइट (FHB) या “स्कैब” नामक बीमारी का कारण बनता है। अगर फसल में यह बीमारी लग जाए तो अनाज की गुणवत्ता खराब होती है और फसल की पैदावार भी बेहद कम हो जाती है।

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फसलों में यह कवक लगने के बाद डिऑक्सीनिवेलनॉल और जेरालेनोन जैसे विष पैदा करता है जिससे अनाज खाने लायक नहीं रह जाता है। अनाज भी जहरीला हो सकता है और यह इंसानों और जानवरों की सेहत के लिए खतरा पैदा करता है। अगर फ्यूजेरियम ग्रैमिनियरम से प्रभावित अनाज को कोई खा ले तो उसे उल्टी, लीवर डैमेज और प्रजनन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। वैज्ञानिकों ने इसे एग्रो टेररिज्म यानी कृषि आतंकवाद कहा है।

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