रायपुर. आरटीआई और पर्यावरण कार्यकर्ता नितिन सिंघवी ने एक आंकड़ा प्रस्तुत करते हुए जानकारी दी कि किस तरह से वायु प्रदूषण सिर्फ दिल्ली में ही नही है ​बल्कि रायपुर में भी है. जो लोगो के लिए जानलेवा साबित हो सकता है .

सिंघवी ने जानकारी देते हुए बताया कि कलेक्टर परिसर में बुधवार की शाम को लगा एंबियंट एयर क्वालिटी मॉनिटर के अनुसार रायपुर में PM 10 का स्तर 195 था और पीएम 2.5 का 78 था. भारतीय मानक के अनुसार PM 10 अधिकतम 60 माइक्रो ग्राम प्रति क्यूबिक मीटर होना चाहिए और पीएम 2.5 का अधिकतम 40 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर होना चाहिए. यानी कि आप भी जहरीली सांस ले रहे हैं, भले ही दिल्ली के समकक्ष जहरीली ना हो. पीएम 2.5 वह पार्टिकुलेट मैटर होता है जो कि मानव के बाल के व्यास से 30 गुना छोटा होता है और सांस के माध्यम से फेफड़े में जाकर ह्रदय की सांस की और कई कई प्रकार की बीमारियां पैदा करता है. समय पूर्व की मौतों का और समयपूर्व डिलीवरी का भी यह एक कारण है.

यूरोप अमेरिका के मानक तो हमारे लिए दूर की बात है विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार पीएम 2.5 का अधिकतम स्तर 10 होना चाहिए और pm 10 का अधिकतम स्तर 20 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर होना चाहिए.

वर्ष 1823 में बना Lancet संगठन जिसे मेडिकल जगत में अत्यंत महत्वपूर्ण जगह प्राप्त है, उक्त लैंसेट कमीशन जिसने 19 अक्टूबर 2017 को जारी अपनी रिपोर्ट में बताया है कि वर्ष 2015 में विश्व में वायु और जल प्रदूषण से 90 लाख लोगों की मौत हुई यह आंकड़ा TB Aids और मलेरिया से हुई मौतों को जोड़ने से भी ज्यादा है और अभी तक समस्त युद्ध और आतंक में मारे गए लोगों से 15 गुना ज्यादा है. भारत में घरेलू वायु प्रदूषण से हो रही मौतों पर भी उक्त रिपोर्ट में चिंता बताई गई है, घरेलू वायु प्रदूषण घर के अंदर कोयला या लकड़ी जलाने से होता है जिसे खाना बनाने में उपयोग किया जाता है.