रायपुर- स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री अजय चन्द्राकर ने कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी के द्वारा बस्तर की स्वास्थ्य सेवाओं के संबंध में दिए गए बयान को आधारहीन निरूपित करते सिरे से खारिज कर दिया है।
राहुल गांधी ने बस्तर में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर यह टिप्पणी की थी कि – कांग्रेस की सरकार आयी तो वहां के लोगों को इलाज के लिए विशाखापट्नम नहीं जाना पड़ेगा। चंद्राकर ने आज यहां मीडिया को जारी बयान में कहा- गांधी का बयान उनकी अज्ञानता का परिचायक है।
चंद्राकर ने कहा – वास्तव में विगत तेरह वर्षों में मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में भाजपा सरकार ने बस्तर में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए लगातार ठोस कार्य किए हैं। जगदलपुर का मेडिकल कॉलेज अस्पताल और सुदूर बीजापुर तथा सुकमा के जिला अस्पतालों में आधुनिक उपकरणों से सुसज्जित चिकित्सा सेवाएं इसका उदाहरण है। सच तो यह है कि छत्तीसगढ़ के बारे में 2003 के बाद के इस परिदृश्य की जानकारी राहुल गांधी को नहीं है। और न ही उनका अध्ययन सही है। वे ऐसे तथाकथित नेताओ के फीडबैक पर बयान दे रहे हैं, कि जिन्हें छत्तीसगढ़ की जनता ने तीन बार से अस्वीकार किया है और जिस स्थिति में है, उसमंे वे जनता के द्वारा चौथी बार भी अस्वीकृत किएं जाएंगे।
चंद्राकर ने कहा – कांग्रेस ने लगभग पचास वर्षों तक देश में एकछत्र राज किया था। उस दौरान बस्तर अंचल में स्वास्थ्य के को लब्धि नहीं रही। स्वास्थ्य के नाम पर जगदलपुर में एक मात्र महारानी अस्पताल हुआ करता था, जो उस पचास साल की एक मात्र उपलब्धि थी। उस पचासवर्षीय कार्यकाल में वहां के राजा प्रवीरचन्द्र भंजदेव को गोली से मरवाना और हजारों निर्दोष आदिवासियों का नरसंहार करने का आरोप कांग्रेस पर आज भी लगाया जाता है। अजय चन्द्राकर ने कहा कि बस्तर को जिस तरह से उन्होंने संग्रहालय और अविकसित क्षेत्र बनाकर रखा था, उस विषमता के कारण ही नक्सली वहां घुसे। उनके इस दृष्टिकोण के कारण ही बस्तर के आदिवासी परेशान हो गए।
अजय चंद्राकर ने कहा- मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में बस्तर में शिक्षा और स्वास्थ्य सहित सभी क्षेत्रों में भारतीय जनता पार्टी की सरकार के तेरह साल के शासन काल में निरतंर प्रगति हो रही है। उस अंचल में स्वास्थ्य सेवाओं का लगातार विस्तार हो रहा है। राहुल गांधी अगर अपनी बात अध्ययन करके रखते तो बेहतर होता, लेकिन ऐसा लगता है कि उन्हें बस्तर में स्वास्थ्य सेवाओं की प्रगति के बारे में कोई जानकारी नहीं है। चन्द्राकर ने कहा – वर्ष 2003 में जगदलपुर में कोई मेडिकल कॉलेज नहीं था। वर्ष 2007 से मेडिकल कॉलेज संचालित है। जिसका नवीन भवन बनकर तैयार है। मेडिकल कॉलेज के भवन स्थानांतरण की तैयारी जारी है। वर्ष 2003 में मात्र तीन जिला अस्पताल संचालित थे। वहीं 2017 में इसकी संख्या बढ़कर 7 हो गई है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र 2003 में 26 थे, जो 2017 में 35 हो गए है। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र की संख्या 102 से बढ़कर 138 और उपस्वास्थ्य केन्द्र 698 से बढ़कर 976 हो गए है।
श्री चन्द्राकर ने तथ्यात्मक जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2003 में बस्तर संभाग में 5 विशेषज्ञ चिकित्सक एवं 25 चिकित्सा अधिकारी कार्यरत थे, वहीं 2017 में 14 विशेषज्ञ चिकित्सक और 167 चिकित्सा अधिकारी कार्यरत हैं। वहीं सुूदूर ग्रामीण अंचलों में 245 सहायक चिकित्सा अधिकारी (आर.एम.ए.) अपनी सेवाएं दे रहे है जो 2003 में शून्य थे। एनएमडीसी के सहयोग से जगदलपुर में 100 बिस्तर का सुपर स्पेशियालिटी अस्पताल बनाने हेतु कार्य प्रगति पर है। संभवतः अगले वर्ष यह अस्पताल प्रारंभ हो जाएगा।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया- इसके अलावा 102 एवं 108 एम्बुलेंस सेवा प्रारंभ की गई है। आज बस्तर में बहत्तर 102 एम्बुलेंस एवं अड़तालीस 108 एम्बुलेेंस कार्यरत हैै। वर्ष 2003 में मात्र दो ब्लड बैंक क्रियाशील थे। आज इनकी संख्या पांच हो गई है। दो ब्लड बैंक की स्थापना प्रक्रियाधीन है। वहीं 2003 में पोषण पुनर्वास केन्द्र, एसएनसीयू, 24ग7 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र शून्य थे। वर्तमान में 30 पोषण पुनर्वास केन्द्र, एक एसएनसीयू क्रियाशील है और पांच प्रक्रियाधीन है। जबकि सात 24ग7 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र क्रियाशील है। 2003 में एड्स नियंत्रण कार्यक्रम अंतर्गत तीन आईसीटीसी केन्द्र संचालित थे। आज 16 आईसीटीसी केन्द्र एड्स रोगियो को दवा देने हेतु एक एआरटी केन्द्र, तीन लिंक एआरटी केन्द्र और गुप्त रोग के इलाज हेतु सात केन्द्र संचालित है। इन स्वास्थ्य सेवाओं में निरंतर प्रगति के फलस्वरूप ही संस्थागत प्रसव 2003 में जहां मात्र 16 प्रतिशत था, वह 2017 में बढ़कर 67 प्रतिशत तक हो गया है। वहीं बस्तर क्षेत्र में मलेरिया के प्रकरणों में निरंतर गिरावट आई है। सुकमा एवं बीजापुर जिलों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की पूर्ति हेतु पीएचएफआई के सहयोग से विशेषज्ञ चिकित्सक उपलब्ध कराएं गए है।
स्वास्थ्य मंत्री चन्द्राकर ने कहा कि जब से युवराज (पप्पू) कांग्रेस का नेतृत्व संभाल रहे हैं, अब कांग्रेस(आई) नहीं रही। अब कांग्रेस(गई) हो गई है, उसकी चिंता करें। देश भर में कांग्रेस की जो स्थिति है उसकी चिंता करें। बस्तर और छत्तीसगढ़ के लिए डॉ. रमन सिंह की सरकार ने जो काम किया है, उसके सारे आंकड़े, सारे तथ्य जनता के सामने है। कांग्रेस को नहीं दिखता तो हम क्या कर सकते हैं। चंद्राकर ने कहा- देश में स्वास्थ्य के क्षेत्र में जो परिवर्तन हो रहे है, उसके लिए माननीय मोदी जी की सरकार पर्याप्त है और इसके लिए राहुल गांधी के सलाह की जरूरत छत्तीसगढ़ को नहीं है। उन्होंने राहुल गांधी से कहा कि आप बिखरती हुई अपनी पार्टी की चिंता करें। जहां तीन वोट रिजेक्ट हुए और तीन वोट क्रास हुए, उस बिखराव को रोके। राहूल गांधी का राजनैतिक वजूद कितना हैं, इससे पता चलता है कि कांग्रेस के पूरे विधायक भी जगदलपुर नहीं पहुंचे। इससे साबित होता है कि नेता प्रतिपक्ष और प्रदेशाध्यक्ष का नियंत्रण भी कांग्रेस से खत्म हो चुका है। ये लोग युवराज को क्या फीडबैक दे रहे है वे ही लोग जाने। छत्तीसगढ़ की जनता का विश्वास डॉ. रमन सिंह को लगातार प्राप्त है और चौथी बार भी प्राप्त होगा।