लखनऊ. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर फिर निशाना साधा है। अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार 2024 का लोकसभा चुनाव देखते हुए जनता को बरगलाने के लिए रोजाना प्रस्तावित योजनाओं की घोषणा कर रही है। जबकि भाजपा सरकार के सवा 6 साल में अब तक जनहित में एक भी योजना कार्यान्वित नहीं है। भाजपा सरकार की अब पोल खुल चुकी है। जनता भाजपा के झूठ के फेर में आने वाली नहीं है।
सपा अध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री जी ने नए मेडिकल कॉलेज के प्रस्ताव कैबिनेट से पास किए हैं। उनके दावे तो यह भी है कि हर जिले में मेडिकल कॉलेज खुल रहे हैं। लेकिन हकीकत तो यह है कि जो पहले से मेडिकल कॉलेज चल रहे हैं उनमें भी दवा, इलाज का उचित प्रबन्ध नहीं है। 700 से ज्यादा डॉक्टरों का कोई अता पता नहीं हैं। प्रतिष्ठित किंग जार्ज मेडिकल कॉलेज और पीजीआई से विशेषज्ञ डॉक्टर इस्तीफा दे रहे हैं। संविदा पर भी अस्पतालों में डॉक्टर नहीं मिल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सच तो यह है कि भाजपाराज में स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह चरमरा गई हैं। अस्पतालों में मरीज इलाज के अभाव में मर रहे हैं। दवाएं नहीं मिल रही हैं। हर तरफ अफरातफरी का माहौल है। कोरोना संक्रमण काल में तो भाजपा सरकार ने लोगों को मरने के लिए खुला छोड़ दिया था। वेंटीलेटर, आक्सीजन की भारी कमी के चलते लोगों की जानें चली गई थी। लाशें जलाने का ठौर नहीं रहा। गंगा में लाशें तैरती दिखी थी।
अखिलेश यादव ने कहा कि आज भी तीमारदार अपने बीमार परिजनों को लादे हुए इलाज के लिए भटक रहे हैं। शव वाहन न मिलने से गरीब बाप बेटे की लाश लिए विलखता दिखाई दिया। मां अपने बच्चे को सीने से लगाए डॉक्टरों की चिरौरी करती दिख रही है। उन्होंने कहा कि मेडिकल पढ़ाई के लिए समाजवादी सरकार में एमबीबीएस की सीटें बढ़ाई गई थी। एम्स के लिए जमीन दी गई थी।
सपा अध्यक्ष ने कहा कि मेडिकल कॉलेजों की स्थापना की गई थी। भाजपा राज में लोहिया संस्थान के एमबीबीएस के पहले बैच में 150 दाखिले हुए लेकिन संस्थान को मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ने मानकों में कमी पर मान्यता नहीं दी। जब छात्रों ने हंगामा किया तब 2017 बैच को मान्यता हाथों हाथ मिल गई थी।
अखिलेश यादव ने कहा कि अगर दिखावे के लिए मुख्यमंत्री जी की घोषणाएं नहीं हैं तो भाजपा सरकार को तत्काल श्वेतपत्र प्रकाशित करना चाहिए ताकि पता चल सके कि सरकारी घोषणाओं और हकीकत में कितना अन्तर है। समाजवादी सरकार में जो मेडिकल संस्थान बने थे उनकी उपेक्षा क्यों की जा रही है? नए मेडिकल कॉलेज कहां बने और उनकी मान्यता की स्थिति क्या है?
सच्चाई यह है कि भाजपा सरकार ने अपने वरिष्ठ नेता पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी जी के नाम पर मेडिकल यूनिवर्सिटी बनाई थी, वह आज भी डॉ0 राम मनोहर लोहिया संस्थान, गोमती नगर लखनऊ में 10वें तल पर चल रही है। भाजपा सरकार अब तक अटल बिहारी बाजपेयी मेडिकल यूनिवर्सिटी जमीन पर नहीं बना सकी है। वह भाजपा सरकार पूरे प्रदेश में कैसे स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार लाएगी और मरीजो के इलाज के पुण्य की भागीदार बन सकेगी?
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