प्रतीक चौहान. रायपुर. अक्षय तृतीया को सिर्फ दो दिन बाकी है. जबकि सोने और चांदी के दाम आसमान छू रहे हैं. ऐसे में बड़ा सवाल है कि क्या खरीदा जाए तो इसका है, तांबे और पीतल के बर्तन. इस दिन पीतल या तांबे के बर्तन खरीदना भी बहुत फलदायी होता है. पुराणों के अनुसार, इन धातुओं से बने बर्तनों में भोजन करने से सेहत अच्छी रहती है और मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं. इसके अलावा, तांबे के बर्तन में जल पीने से आरोग्य लाभ भी मिलता है. वैसे तो कुछ साल पहले तक तांबा व पीतल के बर्तनों का क्रेज गिरा था. लेकिन कोरोना के बाद से एक बार फिर से मार्केट में तांबे व पीतल के बर्तनों का क्रेज देखने को मिल रहा है. (Akshaya Tritiya 2025)

बर्तन खरीदना शुभ मानते
बीते 3-4 सालों में बड़ी संख्या में लोग तांबे और पीतल के बर्तन में रखे बासी पानी को सुबह उठकर पीना स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा मानते हैं. राजधानी रायपुर के एक बर्तन दुकान के ओनर के मुताबिक, अक्षय तृतीया में अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हुए लोग बड़ी संख्या में तांबे, पीतल, चांदी के बर्तन खरीदना शुभ मानते हैं.
किचन की भी शोभा बढ़ाते
तांबे और पीतल के बर्तनों का उपयोग खाना पकाने और पानी पीने के लिए बहुत फायदेमंद होता है. तांबा रोगाणुरोधी होता है. जोकि पानी को साफ करता है और पाचन में सुधार करता है. जबकि पीतल खाना पकाने में गर्मी का समान रूप से वितरण करता है और स्वाद को बढ़ाता है. यही कारण था कि पहले खाना पकाने में पीतल के बर्तन और खाने व पानी पीने में तांबे के बर्तनों का यूज किया जाता था.
बड़ी-बड़ी कंपनियों ने भी मार्केट में उतारे प्रोडक्ट
कोरोना के बाद लोग अपने स्वास्थ्य को लेकर अवेयर हुए हैं. यही कारण है की बीते तीन से चार सालों में पीतल व तांबे के बर्तन का खरीद भी दोगुनी हो गई है. लोग बड़ी संख्या में तांबे के बर्तन का पानी पीना हेल्दी मानते हैं. लिहाजा बर्तन बनाने वाली बड़ी-बड़ी कंपनियों ने भी मार्केट में तांबे की बोतले समेत अन्य प्रोडक्ट को मार्केट में लांच किया है. जिससे हाई प्रोफाइल के लोग भी घर के अलावा ऑफिस तांबे के बर्तनों को यूज कर सके. इसके अलावा अपने बच्चों को तांबे की बोतल में पानी भर कर दे सके.
गिफ्ट में भी दिए जाते हैं तांबे और पीतल के बर्तन
तांबे व पीतल के बर्तन का भावनात्मक प्रभाव भी है. लोग तांबे व पीतल के बर्तनों मे खाना खाना व पानी पीने स्वास्थ्य के लिए स्टील के बर्तनों से कई गुना बेहतर मानते हैं. यही कारण है कि बेटियों के मां-पिता बेहतर स्वास्थ्य की कामना करते हुए शादियों में अपनी बेटियों को तांबे व पीतल के बर्तन ही गिफ्ट के रूप में देते हैं. यह विश्वास सालों से चला आ रहा है. यहां तक की आज भी शादी मे परिजन अपनी बेटियों को पीतल की थाल समेत अन्य बर्तन गिफ्ट में देते हैं.
तांबे के बर्तन के लाभ
रोगाणुरोधी गुण
- तांबा पानी में बैक्टीरिया, वायरस और फफूंद को खत्म कर सकता है, जिससे पानी सुरक्षित हो जाता है.
पाचन में सुधार
- तांबे के बर्तन में पानी पीने से पाचन क्रिया बेहतर होती है और पेट की समस्याओं से राहत मिलती है.
रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि
- तांबा एक एंटीऑक्सीडेंट है जो शरीर को फ्री रेडिकल्स से बचाता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है.
हड्डियों और स्किन के लिए फायदेमंद
- तांबा हड्डियों और त्वचा के लिए आवश्यक है और कोलेजन उत्पादन में मदद करता है.
वजन घटाने में मदद
- तांबे के बर्तन में पानी पीने से चयापचय दर बढ़ती है, जिससे वजन घटाने में मदद मिल सकती है.
पीतल के बर्तन के लाभ
समान ताप वितरण
- पीतल गर्मी का अच्छा संवाहक है और भोजन को समान रूप से पकाने में मदद करता है.
स्वाद को बढ़ाता
- पीतल के बर्तन में पके हुए खाने में एक विशिष्ट स्वाद होता है.
एंटीऑक्सीडेंट गुण
- पीतल के बर्तन में रखे भोजन में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं.
हड्डियों के लिए फायदेमंद
- पीतल में मौजूद तांबा हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करता है.
जोड़ों के दर्द से राहत
- पीतल में सूजनरोधी गुण होते हैं जो जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करने में मदद करते हैं.