माली के विभिन्न हिस्सों में एक जुलाई को सिलसिलेवार आतंकवादी हमलों के बीच एक सीमेंट फैक्टरी से तीन भारतीयों का अपहरण हो गया था। अल-कायदा से जुड़े जमात नुसरत अल-इस्लाम वल-मुस्लिमीन (जेएनआईएम) ने बाद में इन हमलों की जिम्मेदारी ली थी। तीन अपहृत भारतीयों में से एक ओडिशा निवासी पी वेंकटरमण के बहनाई ने शनिवार को बताया कि शुरुआत में कंपनी ने उन्हें बताया था कि आतंकवादियों ने फैक्टरी को आग के हवाले कर दिया था। इसलिए वेंकट समेत कुछ लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है। इसके बाद मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि आतंकवादियों ने कुछ लोगों का अपहरण कर लिया है। उन्होंने कहा, हमने इसकी पुष्टि करने के लिए कंपनी को फोन किया तो उन्होंने हमें यह सूचना लीक करने से मना कर दिया और कहा कि आतंकवादी लोगों के बदले में फिरौती मांग रहे हैं। वेंकटरमण के बहनोई ने सरकार से उनकी सुरक्षित घर वापसी अपील की है।

उधर, विदेश मंत्रालय ने भारतीयों के अपहरण पर गहरी चिंता जताई है और माली के अधिकारियों से उनकी सुरक्षित और शीघ्र रिहाई सुनिश्चित करने का आग्रह किया है।

बेटे की सुरक्षा की चिंता को लेकर मां बेहाल

इस मामले में अपहृत युवक की मांग ने पुलिस से शिकायत की थी कि उसका बेटा, जो पश्चिम अफ्रीकी देश माली के एक सीमेंट फैक्ट्री में काम करता है, उससे संपर्क नहीं हो पा रहा है। उन्हें डर है कि बेटा कहीं अगवा न हो गया हो।

पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने विदेश मंत्री से की मदद की अपील

वहीं इस मामले में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री पटनायक ने इस घटना पर चिंता जताते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर से एक्स पर पोस्ट कर निजी हस्तक्षेप पर युवक की सुरक्षित और जल्द रिहाई कराने की अपील की थी। उन्होंने कहा था कि युवक के परिजन गहरे सदमे और चिंता में हैं।

परिवार ने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील

परिवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी से भावनात्मक अपील की है, जिसमें उन्होंने अपने बेटे की सुरक्षित वापसी के लिए तत्काल हस्तक्षेप की गुहार लगाई है। जिला प्रशासन ने परिवार को समर्थन देने का वादा किया है। वेंकटरमण की रिहाई के लिए स्थानीय और राज्य सरकार के प्रयास जारी हैं, लेकिन परिवार की उम्मीदें अब केंद्र सरकार के हस्तक्षेप पर टिकी हैं।

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