प्रतापगढ़. प्रयागराज में शनिवार को माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद की गोली मारकर हत्या कर दी गई. जिसके बाद पकड़े गए तीनों हत्यारोपियों को सोमवार को प्रतापगढ़ जिला जेल में शिफ्ट कर दिया गया है. इसी बीच मंगलवार को जिलाधिकारी नितिन बंसल और पुलिस अधीक्षक सतपाल अंतिल ने जिला जेल का औचक निरीक्षण किया. इस दौरान दोनों अधिकारियो ने माफिया अतीक अहमद और अशरफ की हत्या करने वाले तीनों हत्यारोपियों की तन्हाई बैरक का निरीक्षण किया. साथ ही जेल परिसर की सुरक्षा पुख्ता करने के लिए जेल प्रशासन को निर्देश दिए.

अधिकारियों ने कहा कि कल यानी बुधवार से जिला जेल में कैदी से मुलाकात करने वाले मुलाकाती परिजनों की भी संघन चेकिंग की जाएगी. साथ ही परिजन जो सामान जेल के अंदर ले जाएंगे उसे गहनता से चेक किया जाएगा. हालांकि इस दौरान मीडिया को जेल परिसर से बाहर ही रहना पड़ेगा. इधर, डीएम-एसपी के निरीक्षण के दौरान जिला कारागार के मेन गेट को बंद कर दिया गया.

इधर, तीनों हत्यारोपियों को शिफ्ट किए जाने के बाद से जेल में अलर्ट जारी है. जेल चौकी के सिपाहियों को तैनाती कर दी गई है. उन्हें हाई अलर्ट पर रखा गया है. वहीं जिलाधिकारी डॉ. नितिन बंसल ने सुरक्षा को देखते हुए जेल अधीक्षक को निर्देश दिए हैं. एएसपी ने भारी पुलिस बल के साथ जिला जेल के चारों तरफ घूमकर निरीक्षण किया.

तन्हाई बैरक में रखे गए थे आरोपी

अतीक-अशरफ हत्याकांड के तीनों आरोपियों को प्रतापगढ़ जिला कारागार के तन्हाई बैरक में रखा गया था. सोमवार को तीनों को नैनी जेल से प्रतापगढ़ जेल शिफ्ट किया गया था. तन्हाई बैरक एक ऐसी बैरक होती है, जिसकी लंबाई-चौड़ाई बहुत ही कम होती है. इस बैरक में ऐसे कैदियों और अपराधियों को रखा जाता है जो ज्यादा खूंखार और आपराधिक प्रवृति के होते हैं. यह किसी सामान्य कैदी की बैरक से अलग होती है. तन्हाई बैरक में रहने वाले कैदियों को बैरक में ही खाने-पीने की व्यवस्था मुहैया कराई जाती है. इसके अलावा इनमें रहने वाले आरोपियों का जेल में रहने वाले अन्य कैदियों से संपर्क तोड़ दिया जाता है. साथ ही यह अन्य बैरकों के अलावा अधिक सुरक्षित मानी जाती है.

शनिवार को हुई थी अतीक-अशरफ की हत्या

गौरतलब है कि प्रयागराज में कॉल्विन अस्पताल के 15 अप्रैल, शनिवार को देर शाम तीनों आरोपियों ने पुलिस कस्टडी में माफिया अतीक अहमद और अशरफ की गोली मारकर हत्या कर दी थी. घटना के बाद तीनों हत्यारोपियों ने खुद सरेंडर कर दिया था. फिलहाल पहले तीनों को नैनी जेल में रखा गया था, लेकिन गैंगवार की आशंका के चलते तीनों हत्यारों को प्रतापगढ़ जिला कारागार शिफ्ट कर दिया गया है.