इन दिनों जालसाजी का ऐसा तरीका अपनाया जा रहा है जिससे आपको भनक भी नहीं लगेगी और आपके खाते से पैसे गायब हो जाएंगे. उधर मोबाइल से नेटवर्क गायब होगा इधर अकाउंट से पैसा साफ… बता दें कि सिम स्वैपिंग के जरिए जालसाजी को अंजाम दिया जा रहा है. जानिए सिम स्वैपिंग कैसे की जा रही…
साइबर एक्सपर्ट के मुताबिक यह पूरा मामला OTP से जुड़ा है, सिम बंद होते ही वह नंबर कहीं और चालू हो जाता है. OTP के जरिए जालसाज अकाउंट से सारा पैसा किसी अन्य अकाउंट में ट्रांसफर कर लेते हैं, नेट बैंकिंग के लिए यूजर आईडी से लेकर पासवर्ड तक ये सेंधमारी कर लेते हैं. बाकी ओटीपी के लिए सिम कार्ड बंद करा अपने पास चालू करा लेते हैं.
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सिम स्वैपिंग में उन लोगों पर निशाना बनाया जा रहा है, जिनके खाते में लाखों करोड़ों रुपए है, या फिर कोई बड़ी कंपनी को जालसाजी में फंसाया जा रहा है. ऐसे फ्रॉड में अचानक से आपका सिम कार्ड बंद हो जाता है और ठीक उसी समय वह नंबर कहीं और चालू हो जाता है. जब तक आप पूरा मामला समझ पाते हैं, तब तक आपके खाते से बड़ी रकम किसी अन्य खाते में ट्रांसफर हो चुका होता है.
सिम स्वैपिंग के बढ़ते मामलों को देखते हुए टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने टेलीकॉम कंपनियों से इस पर सुझाव मांगे हैं, ताकि ऐसे मामलों को रोका जा सके. हाल ही में सबसे अधिक मामलें गुजरात से है. जहां ठगी का 1300 मामला सामने आया है जिसमें सिम स्वैपिंग के जरिए अब तक 1300 लोगों के खाते से 550 करोड़ रुपए पार किए जा चुके है. आए दिन कोई न कोई इस तरह के साइबर फ्रॉड का शिकार बन रहा है. दिक्कत ये है कि इस तरह के फ्रॉड करने वाले जल्दी पकड़ में भी नहीं आ पाते हैं. गुजरात में 2014-15 से अब तक 1300 से ज्यादा लोग सिम स्वैपिंग का शिकार हो चुके हैं.
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