अजय कुमार/दरभंगा: भारतीय जीवन बीमा निगम में भारत सरकार के हस्तक्षेप के कारण बीमा कंपनी को आने वाले समय में बहुत ही नुकसान होने वाला है. केंद्र सरकार के जन विरोधी नीतियों के कारण बीमा धारक सहित भारतीय जीवन बीमा कंपनी के कर्मचारियों को तैयार रहने को कहा है, उक्त बातें ऑल इंडिया इंश्योरेंस एम्पलाई यूनियन पूर्व मध्य के अध्यक्ष प्रदीप मुखर्जी ने मिर्जापुर-दरभंगा टावर रोड स्थित एक होटल में 50 से अधिक प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा. उन्होंने कहा कि पॉलिसी के प्रीमियम सहित हेल्थ इंश्योरेंस पर 18 प्रतिशत जीएसटी ली जा रही है, उसे पूरी तरह खत्म किया जाए. कोई भी पॉलिसी होल्डर बीमा लेते हैं जीवन के प्राथमिकता के आधार पर.
समस्या से कराया अवगत
वहीं, मुजफ्फरपुर डिवीजन स्टाफ एसोसिएशन के अध्यक्ष राघवेंद्र कुमार ने कहा कि वर्ष 2020 से भारतीय जीवन बीमा निगम के द्वारा स्टाफ की बहाली नहीं की जा रही है. इसे आगे बढ़ाने के लिए बहाली की आवश्यकता है, क्योंकि पुराने कर्मचारी सेवानिवृत्ति होते जा रहे हैं. इस संबंध में देश के 400 सांसदों से मिलकर समस्या से अवगत कराया है. भारत के विकास में भारतीय जीवन बीमा निगम का 40 लाख करोड़ निवेश कर रखा है. भारतीय जीवन बीमा निगम की कुल संपत्ति 55 लाख करोड़ की है. आईआरडीए निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए तरह-तरह के नियम लागू कर रहे हैं. एक तरफ सरकार कह रही है वर्ष 2047 तक हर भारतीय बीमा पॉलिसी होना चाहिए.
150 कर्मचारी थे उपस्थित
वहीं, दूसरी ओर भारतीय जीवन बीमा कंपनी पॉलिसी की न्यूनतम बीमा धन दो लाख रुपए का होना चाहिए. देश में अभी भी गरीबी रेखा में अधिक लोग हैं, जो ज्यादा प्रीमियम जमा नहीं कर पा रहे हैं. सम्मेलन में महामंत्री संतोष कुमार, पूर्व मध्य के सहायक सचिव अनिल कुमार, दरभंगा शाखा के अमीय कुमार आदित्य, संजय कुमार, निशांत कुमार, मनोहर पूर्वे, इंश्योरेंस एंप्लॉई यूनियन मुजफ्फरपुर डिवीजन के संयुक्त मंत्री अरविंद कुमार मुकेश एवं बसंत कुमार ने भी बीमा कर्मचारी को संबोधित किया. यह सम्मेलन शनिवार और रविवार को भी चलेगा. सम्मेलन में बीरेन कुमार, अंजली कुमारी पूजा कुमारी दिलीप शर्मा ओम प्रकाश यादव सहित 150 कर्मचारी उपस्थित थे.
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