प्रयागराज. हाकुंभ में बीते 29 जनवरी को मची भगदड़ (Mahakumbh stampede) को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने सोमवार को सुनवाई की. जिसमें उत्तर प्रदेश सरकार को बड़ी राहत मिली है. अदालत ने महाकुंभ भगदड़ की CBI जांच की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने याचिका को औचित्यहीन बताया.

चीफ जस्टिस अरुण भंसाली की डिविजन बेंच ने सुनवाई के दौरान इस याचिका को खारिज कर दिया. योगेंद्र पाण्डेय समेत अन्य लोगों ने महाकुंभ भगदड़ की सीबीआई जांच कराने को लेकर जनहित याचिका दायर की थी. इस मामले में 11 मार्च को सुनवाई करते हुए अदालत ने फैसला सुरक्षित रखा था.

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बता दें कि बीते 24 फरवरी को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए इस मामले को निस्तारित कर दिया था. प्रदेश सरकार की ओर से उच्च न्यायालय को ये ये बताया गया था कि न्यायिक आयोग की जांच का दायरा बढ़ा दिया गया है. अब जांच में उन बिंदुओं को भी शामिल कर लिया गया है जिसकी मांग याचिका में की गई है. वहीं इसके लिए आयोग को एक महीने का अतिरिक्त समय भी दिया गया है. इस आधार पर हाईकोर्ट ने मामले को निस्तारित कर दिया था. साथ ही याचिकाकर्ता को कहा था कि न्यायिक आयोग की जांच से संतुष्टि नहीं होने पर वे दोबारा कोर्ट का रुख कर सकते हैं.