सत्यपाल सिंह, रायपुर. कामधेनु विश्वविद्यालय में भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी के आरोप पर कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने जांच कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. मंत्री ने कहा कि विश्वविद्यालय के निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार की शिकायत हुई है. मामले को गंभीरता से लिया गया है. प्रबंधन और कुलपति को इस मामले पर कार्रवाई करने का आदेश दिया है.

रविंद्र चौबे ने कहा कि अगर ठेकेदारों को भुगतान नहीं होगा तो वह काम कैसे करेंगे. इससे जो सरकार की योजना है, जो उद्देश्य है वो समय पर पूरा नहीं होगा.

बता दें कि कामधेनु विश्वविद्यालय में दर्जनों भवनों का निर्माण कार्य रुका हुआ है, क्योंकि ठेकेदारों का भुगतान नहीं हुआ है.

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ह है मामला

कामधेनू विश्वविद्यालय द्वारा बिलासपुर और दुर्ग में एडमिनिस्ट्रेटिव बिल्डिंग सहित करोड़ों रुपये के कई निर्माण कार्य करवाए जा रहे हैं. जिसमें बिलासपुर में कॉलेज बिल्डिंग, आडिटोरियम और बॉयज हास्टर बिल्डिंग, गर्ल्स हॉस्टल एफजीएच टाइप क्वार्टर्स एंड टीवीसीसी बिल्डिंग, गिर बुल मदर फार्म बिलासपुर, दुर्ग के अंजोरा में रिसर्च टावर बिल्डिंग, एडमिनिस्ट्रेटिव बिल्डिंग अंजोरा, कॉलेज बिल्डिंग का एक्सटेंशन का कार्य शामिल है. दुर्ग में दिसंबर 2016 और बिलासपुर में जुलाई 2017 में कार्य की शुरुआत हुई. दुर्ग में 4 और बिलासपुर में 3 ठेकेदारों द्वारा यह कार्य किया जा रहा है. यह पूरा निर्माण विश्वविद्यालय की निर्माण शाखा की देखरेख में चल रहा है.

आरोप है कि यहां पदस्थ सब इंजीनियर हिमालय थवानी नियम विरुद्ध तरीके से अपने चहेते ठेकेदारों का बिल पास कर दिये. वहीं कुछ ठेकेदारों का बिल कई-कई महीने जानबूझकर रोक कर रखा. इससे पहले ठेकेदारों द्वारा ईई के सामने बिल पास करने की गुहार लगाने के बाद यहां पदस्थ ईई एसके अग्रवाल द्वारा थवानी को ठेकेदारों के कार्यों से संबंधित एमबी व बिल इत्यादि प्रस्तुत करने का आदेश दिया लेकिन उन्होंने उसे अनसुना कर दिया. जिसके बाद उन्होंने थवानी को दो-दो पत्र विस्तार में लिखे और इसकी प्रतिलिपि विश्वविद्यालय प्रबंधन को भी भेजी. अग्रवाल यहां दिसंबर 2018 से 26 अगस्त 2019 तक ईई के पद पर पदस्थ थे.