Amarnath Yatra 2024 : श्री अमरनाथजी यात्रा 29 जून 2024 से शुरू होगी और 19 अगस्त 2024 को सम्पन्न होगी. इस 43 दिन की यात्रा में प्रति दिन अधिकतम 10,000 यात्रियों को ही चलने की अनुमति होगी.
पूरे साल में अमरनाथ गुफा में केवल श्रावण माह में ही पहुंचा जा सकता है. यह गुफा श्रीनगर से लगभग 141 किमी दूर 3,888 मी की ऊंचाई पर है और इस तक पहलगाम या सोनमर्ग होते हुए ही पहुंचा जा सकता है. गुफा के ऊपर से पिघलते बर्फ का पानी रिसता है जो गुफा में फिर से बर्फ में जम कर लिंगम का रूप धारण कर लेता है. लिंगम अपनी अधिकतम ऊंचाई को जुलाई अगस्त में पहुंचता है, जब गुफा के पास की बर्फ पिघल रही होती है.
कब होंगे बाबा बर्फानी के दर्शन Amarnath Yatra 2024
धार्मिक मान्यता यह है कि चांद के बढ़ते घटते चरणों के साथ ही लिंगम का आकार घटता व बढ़ता है और वह अपनी अधिकतम ऊंचाई श्रावणी मेले के दौरान पहुंचता है. बाबा बर्फानी के दर्शन 1 जुलाई 2024 से शुरू होंगे.
जब आप ऊंचाई पर चढ़ना शुरू करेंगे तो रास्ते में शेषनाग झील भी पड़ेगी. पौराणिक सांप शेषनाग के नाम पर इस झील का नाम पड़ा है.
झील पहाड़ों से घिरी हुई है. इसकी शांत सुंदरता का आनंद लेने के लिए तीर्थयात्री अक्सर वहां पर रुकते हैं. इसे वासुकी झील या वासुकी कुंड भी कहते हैं. यह पर्वतीय झील 3.590 मी की ऊंचाई पर है और पहलगाम से लगभग 23 किमी के फासले पर है.
मान्यता यह है कि षि कश्यप के बड़े पुत्र शेषनाग राजपाट छोड़कर विष्णु की सेवा में लग गये थे. शेषनाग का दूसरा नाम अनंत भी है और इसी वजह से इस जिले का नाम अनंतनाग है. शेषनाग ने अपने पश्चात वासुकी और वासुकी ने अपने पश्चात तक्षक को नागों का राजा बनाया और वह सारे ग्रहों को अपनी कुंडली पर धरे हुए हैं.
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