राजनांदगांव। राजस्व मंत्री जय सिंह अग्रवाल के जोगी कांग्रेस के तीन विधायक कांग्रेस में शामिल होने के बयान के बाद खैरागढ़ से जेसीसी के विधायक देवव्रत सिंह ने बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने कहा कि जब अजीत जोगी रायपुर के अस्पताल में कोमा में थे, उस समय सोनिया गांधी ने कांग्रेस के प्रदेश नेताओं से उनको पार्टी में लिए जाने की बात कही थी, लेकिन उनके कोमा में होने के कारण विलय नहीं हो पाया था.
खैरागढ़ विधानसभा क्षेत्र के जेसीसी देवव्रत सिंह ने विशेष बातचीत में जेसीसीजे के विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने पर कहा कि यह तो कवायद है, अटकले हैं, बाते हैं. मीडिया में की जाती है. राजस्व मंत्री जय सिंह अग्रवाल ने भी एक बयान जारी किया है. निश्चित रूप से हम लोग कांग्रेस की मानसिकता और विचारधारा के लोग है. मुझे तो कांग्रेस पार्टी ने बहुत कुछ दिया है. मै तीन बार कांग्रेस से विधायक रहा हूं और इस बार जोगी कांग्रेस से विधायक बना हूं. एक बार कांग्रेस से सांसद भी बना हूं. तीन बार लोकसभा चुनाव लड़ा.
उन्होंने कहा कि कांंग्रेस से हमारे परिवार में हमारे दादा मंत्री थे, मध्यप्रदेश की सरकार में रानी पदमावती देवी तीन बार मंत्री रहीं. चाचा शिवेंद्र बहादुर सिंह तीन बार सांसद रहे तथा चाची गीतादेवी सिंह भी कांग्रेस की विधायक रह चुकी है. मेरी माता रश्मि देवी सिंह चार बार कांग्रेस की विधायक रही हैं. कांग्रेस पार्टी ने हमें बहुत कुछ दिया है. पिछले समय की परिस्थितियां विपरित थी इसलिए पार्टी से हटकर जोगी का हाथ थामा था. उनके निधन उपरांत अब ऐसा लग रहा है कि तीसरी पार्टी बनाने का प्रयास जो किया गया था वह अब सफल नहीं हो पा रहा है.
देवव्रत ने कहा कि अब राष्ट्रीय पार्टियों का दौर है. मुझे ऐसा लगता है कि रिजल्ट आने के बाद में जोगी जी की भी मानसिकता कांग्रेस के प्रति थी. कई बार मेरे माध्यम से और जोगी भी डायरेक्ट वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं से बातचीत होती रहती थी. लोकसभा में इसलिए हमने कांग्रेस का साथ दिया क्योंकि हमें केंद्र की मोदी सरकार को रोकना था. जोगी भी राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनना देखना चाहते थे.
उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से जय सिंह से हम लोगों की बातें होती है और एक डेढ़ सालों से यह प्रयास जारी है कि हम कांग्रेस में कही ना कही स्थान मिले. हम लोग अभी चार विधायक – रेणु जोगी, धरमजीत सिंह, प्रमोद शर्मा और मै हूं. श्रीमती जोगी ने जो हम लोगों से चर्चा की है, और दिल्ली में भी सोनिया गांधी के सलाहकार अहमद पटेल से मुलाकात हुई है. श्रीमती जोगी भी कांग्रेस विचारधारा से ओतप्रोत है. वे मानती है कि गांधी परिवार, विशेष कर सोनिया गांधी का अजीत जोगी और रेणु जोगी पर विशेष योगदान रहा है.
अमित ने दी अजीत जोगी की आत्मकथा पढ़ने की सलाह
देवव्रत सिंह के बयान पर अमित जोगी की प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जो पार्टी रोज मेरे पिता अजीत जोगी को जीते जी अपमानित करती रही और मरणोपरांत भी उनको नक़ली फर्जी और पाखंडी कहकर अपमानित कर रही है, उसमें उनके जाने का सवाल ही पैदा नहीं होता. ऐसा कुछ लोग उपचुनाव के ठीक पहले अचानक क्यों कह रहे हैं, ये तो वो ही बता पाएँगे. मैं उनको जोगी की आत्मकथा पढ़ने की सलाह ज़रूर दूँगा. उनकी सारी ग़लत फ़हमी मिनटों में दूर हो जाएगी. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जिनको कांग्रेस प्रवेश करने का शौक़ है, वे पंजा छाप से उपचुनाव लड़े. उनका जवाब जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) बखूबी देना जानती है! अपनी ज़मानत बचा पायें तो अजूबा होगा! भूपेश की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है!